पपीता एक ऐसा फल है जो औषधीय गुणों से भरपूर होता है। आयुर्वेद में इस फल को पाचन के लिए अमृत माना जाता है। इस फल की तासीर गर्म होती है और ये पानी से भरपूर होता है। इस फल का सेवन करने से बॉडी हाइड्रेट रहती है और वजन कंट्रोल रहता है। विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर पपीता इम्यूनिटी को मजबूत करता है और बीमारियों से बचाव करता है। रोजाना सीमित मात्रा में इस फल का सेवन करने से दिल की सेहत दुरुस्त रहती है। डायबिटीज फ्रेंडली इस फूड को रोजाना खाने ब्लड शुगर नॉर्मल रहता है और डायबिटीज मरीजों को होने वाली कब्ज का भी इलाज होता है। विटामिन A और बीटा-कैरोटीन से भरपूर ये फल आंखों को भी हेल्दी रखता है।
रोजाना इसका सेवन करने से बॉडी को गर्मी मिलती है। इसका सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है। अक्सर लोग पपीते का सेवन सुबह के नाश्ते में और रात के खाने में ज्यादा करते हैं। आप जानते हैं कि पपीते का सीमित मात्रा में सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है। इसमें मौजूद एंजाइम पेपेन और फाइबर पाचन को दुरुस्त करता है और कब्ज का इलाज करता है। रोजाना रात के खाने के बाद अगर इस फल को खाया जाए तो सुबह उठते ही पेट साफ होता है। क्रोनिक कब्ज को दूर करने में ये रामबाण फल है।
इसके गुणों को ध्यान में रखते हुए अक्सर लोग पपीते का सेवन हर दिन खूब करने लगते हैं। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट नित्यानंदम श्री ने बताया कुछ लोग ऐसे है जो भोजन की तरह लगातार पपीता खाते चले जाते हैं। परेशानी तब होती है जब पाचन पूरी तरह से कमजोर होने लगता है। एक्सपर्ट ने बताया रोजाना पपीता का सेवन भूख को घटाता है और पाचन को इसका आदि बना देता है जिससे पाचन अपना काम ठीक से नहीं करता। एक्सपर्ट ने बताया रोजाना पपीता खाना गलत है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि रोजाना पपीते का सेवन किन लोगों पर ज़हर की तरह करता है असर।
पाचन कमजोर वालों के लिए ज़हर है पपीता
अगर आपका पाचन कमजोर है तो आप रोजाना पपीता का सेवन करने से परहेज करें। रोजाना पपीते का सेवन करने से पेट की आग यानी डाइजेशन कमजोर होने लगता है। आपका पाचन खाने को पचाने के लिए इस फल का सहारा लेगा और वो दिनों दिन कमजोर होता जाएगा। बैलेंस डाइट का सेवन आपके पाचन को दुरुस्त करता है। आप अलग-अलग फ्रूट का सेवन अलग-अलग दिन करेंगे तो आपका पाचन दुरुस्त रहेगा और आपकी बॉडी को ज्यादा पोषण भी मिलेगा।
एलर्जी का बन सकता है कारण
पपीते में पाया जाने वाला पपैन खास तरह की एलर्जी का कारण बन सकता है। पपीते का सेवन करने से स्किन में एलर्जी, खुजली, चक्कर आना,सूजन और सिर दर्द की परेशानी हो सकती है। आप अपनी बॉडी को समझें। अगर पपीता का सेवन करने के बाद बॉडी में इस तरह के बदलाव हो रहे हैं तो इसका सेवन सीमित कर दें या बंद कर दें।
प्रेग्नेंसी में बनता है खतरा
पपीता दो तरह से सेवन किया जाता है एक कच्चा पपीता तो दूसरा पका हुआ पपीता। कच्चे पपीते में लेटेक्स और पेपेन होते हैं जो प्रेग्नेंसी में संकुचन पैदा कर सकते हैं जो मिसकैरेज का जोखिम बढ़ सकता है। पके हुए पपीते में विटामिन और फाइबर भरपूर होता है कब्ज को दूर करने के लिए इसका सेवन बेहद सीमित किया जाए तो बेहतर रहता है।
लो ब्लड प्रेशर में ज़हर है ये फल
जिन लोगों का ब्लड प्रेशर लो रहता है वो इस फल का सेवन भूलकर भी नहीं करें। लो बीपी के लोगों का बीपी कम कर सकता है पपीता। जिन लोगों का बीपी पहले से ही कम रहता है ऐसे लोग अगर पपीता खाते हैं तो उनका बीपी और भी कम हो सकता है। बीपी का कम होना सेहत के लिए जोखिम पैदा कर सकता है। बीपी कम होने से चक्कर आ सकता है और बेहोशी हो सकती है।
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