कुदरत ने कुछ हर्ब्स हमें गिफ्ट में दिए हैं जिनसे हम सैकड़ों बीमारियों का उपचार करते हैं। पीपल का पत्ता एक जादुई हर्ब है जो सेहत के लिए अमृत की तरह असर करता है। पीपल के पेड़ से धर्म की आस्था भी जुड़ी है। हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ को वृक्षों का राजा माना जाता है, जिस पर सभी देवी-देवताओं और पितरों का वास होता है। भगवान बुद्ध को भी पीपल के पेड़ के नीचे ही दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। धर्म के लिहाज से और सेहत के लिहाज से ये पेड़ अमृत है।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक इस दिव्य वृक्ष के पत्तों का अगर सेवन किया जाए तो शरीर में होने वाली कमजोरी और थकान को दूर किया जा सकता है। बच्चों से लेकर युवाओं और बूढ़ों तक को इस पत्तों का सेवन करने से फायदा होगा। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि इन पत्तों का सेवन कैसे करें कि बॉडी की कमजोरी दूर हो और बॉडी को फायदा पहुंचे।

कमजोरी दूर करने के लिए पीपल के पत्तों का सेवन कैसे करें

बॉडी में होने वाली शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए पीपल के फलों का पाउडर बना लें। इस पाउडर में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाएं और अच्छे से मिक्स कर लें। इस पाउडर को एक चम्मच सुबह और एक चम्मच शाम में सेवन करें इससे आपके शरीर की कमजोरी दूर होगी और बॉडी को भरपूर ताकत मिलेगी। पीपल के पौधे की पत्तियां और टहनियां दोनों में ही औषधीय गुण मौजूद हैं। रोजाना सुबह एक पीपल का पत्ता चबा ले तो कई तरह की बीमारियों असरदार इलाज होगा। आइए जानते हैं कि पीपल के पत्तों का सेवन करने से कौन-कौन सी बीमारियों का उपचार होता है।

लिवर की सेहत रहती है दुरुस्त

पीपल की पत्तियों का सेवन करने से लिवर की सेहत दुरुस्त रहती है। इन पत्तियों को पीसकर उनका पाउडर बना लें और उसका सेवन दिन में दो बार करें लिवर हेल्दी रहेगा।

पेट के रोगों में पीपल का करें सेवन

जिन लोगों को पेट की परेशानी है या बॉडी में टॉक्सिन जमा हो गए हैं तो ऐसे लोग पीपल की पत्तियों का सेवन करें। इन पत्तियों का काढ़ा बनाकर इनका सेवन करें आपको गैस, एसिडिटी और अपच से राहत मिलेगी। आप इस चाय का स्वाद बढ़ाने के लिए उसमें गुलाब की पत्तियां या मूलेठी का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अल्सरेटिव कोलाइटिस का करें इलाज

जिन लोगों को आंतों से जुड़ी बीमारी है, अल्सरेटिव कोलाइटिस है,आंतों में घाव है, रक्तस्राव होता है तो वो लोग पीपल की पत्तियों को डंठल समेत पीसकर उसका रस निकाल लें और उसका सेवन करें। इन पत्तियों का सेवन करने से आंतों का घाव भर जाता है,आंतों के अंदर की सूजन कम हो जाती है और संक्रमण का भी खतरा नहीं रहता।