फिटकरी एक ऐसा खनिज है जिसका इस्तेमाल दवा के रूप में किया जाता है। इसका इस्तेमाल करने से स्किन से लेकर सेहत भी दुरुस्त रहती है। फिटकरी के बारे में आयुर्वेद में बड़े पैमाने पर लिखा गया है। यह सदियों से भारतीय संस्कृति का हिस्सा रही है। फिटकरी के प्राकृतिक उपचार और रोगाणुरोधी गुणों के कारण ही हमारे देश में ही नहीं बल्कि दुनिया के लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। फिटकरी की नेचुरल स्मेल और एंटीसेप्टिक गुण इस खनिज को खास बनाते हैं और दुनिया में इसकी पहचान कायम करते हैं।  

रिंग और लेडी कर्जन अस्पताल की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ श्वेता श्रीधर ने बताया कि फिटकरी जिसे वैज्ञानिक रूप से हाइड्रेटेड पोटैशियम एल्युमिनियम सल्फेट के रूप में जाना जाता है। इसका पारंपरिक चिकित्सा और स्किन केयर के लिए उपयोग करने का एक लंबा इतिहास रहा है। यह अपने कसैले और एंटीसेप्टिक गुणों के लिए पहचानी जाती है,खासतौर पर इसमें मौजूद एल्यूमीनियम आयनों के कारण ये पहचानी जाती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि फिटकरी का इस्तेमाल किस लिए किया जाता है।

फिटकरी का इस्तेमाल किस लिए किया जाता है?

दांतों को हेल्दी रखती है फिटकरी

फिटकरी एक ऐसा खनिज है जिसका इस्तेमाल टूथपेस्ट और माउथवॉश जैसी ओरल हेल्थ को दुरुस्त करने वाले प्रोडक्ट के रूप में किया जाता है। यह मसूड़ों की सूजन को कम करती है और बैक्टीरिया को मुंह में पनपने से रोकती है।

स्किन पर टॉनिक की तरह करती है असर

फिटकरी का इस्तेमाल स्किन पर जादुई असर करता है। इसके जीवाणुरोधी गुण ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स ने निजात दिलाते हैं और मुहांसों को दूर करने में मदद करते हैं। यह मुहांसों के दागों को ठीक करने में भी असरदार है। फिटकरी स्किन के ओपन पोर्स को कसने और स्किन को ताज़ा रखने में और स्किन की चमक बनाए रखने में मदद करती है।

नेचुरल डिओडोरेंट का करती है काम

फिटकरी अपने रोगाणुरोधी और जीवाणुरोधी गुणों के कारण बेहतरीन डिओडोरेंट की तरह काम करती है। गर्मी के दिनों में ये बेहतरीन डिओडोरेंट है। यह बॉडी में गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ती है और आपको पूरे दिन महक और तरोताजा महसूस कराती है।

फिटकरी का इस्तेमाल करते समय इन सावधानियों को बरतें

  • भले ही फिटकरी अपने फायदों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन फिर भी इसका इस्तेमाल हमेशा सावधानी से करना चाहिए। ये एक नेचुरल एस्ट्रिंजेंट है जो स्किन में ड्राइनेस पैदा कर सकती है। इसका लगातार इस्तेमाल करने से स्किन का नेचुरल ऑयल कम हो सकता है जिससे स्किन ड्राई हो सकती है। संवेदनशील स्किन वाले लोग जब इसे अंडरआर्म्स जैसे नाजुक जगह पर लगाते हैं तो ये स्किन को नुकसान पहुंचा सकती है।
  • इसका इस्तेमाल करने से पहले स्किन पर इसका टेस्ट जरूर करें। इसे बिना टेस्ट किए स्किन पर इस्तेमाल नहीं करें। इससे स्किन में जलन और स्किन में ड्राइनेस होने का खतरा अधिक रहता है।
  • फिटकरी का उपयोग ड्राईनेस और जलन को बढ़ा सकता है। इंडियन स्किन पर फिटकरी पिगमेंटेशन का कारण बन सकती है।