सर्दी पूरे शबाब पर है। इस मौसम में कंपकंपाने वाली ठंड पड़ रही है और बॉडी में बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है। इस मौसम में इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है और बॉडी में संक्रमण का खतरा भी बढ़ने लगता है। इस मौसम में बॉडी का ठंड से बचाव करने के लिए और इम्यूनिटी को स्ट्रांग करने के लिए लोग तरह-तरह के घरेलू नुस्खों का सेवन करते हैं। इस मौसम में गर्म पानी का सेवन करना, गर्म चीजों का सेवन करना, गर्म कपड़े पहनना बेहद अच्छा लगता है। सर्द मौसम में सिर्फ इन ही चीजों से सर्दी से बचाव नहीं होता बल्कि कुछ गर्म तासीर की होम रेमेडीज का सेवन करना भी असरदार साबित होता है। किचन में मौजूद गर्म मसाले बॉडी को गर्म रखने में बेहद असरदार साबित होते हैं।
एक इंस्टाग्राम पोस्ट में काली इलायची को लेकर दावा किया गया है कि सर्दी में ठंड से बचाव करने के लिए काली इलायची अपने पास रखें। इस मसाले में ऐसे यौगिक मौजूद होते हैं जो हमारे शरीर में गर्मी पैदा करते हैं और बॉडी को गर्म रखते हैं। पोस्ट में दावा किया गया है कि ये मसाला रक्त परिसंचरण और रक्त प्रवाह में भी सुधार करता है।
यह शरीर में कफ और वात दोष को भी बैलेंस करता है, जो सर्दियों के दौरान ठंड महसूस करने से जुड़ा होता है। सर्दी में ठंड से बचाव करना है तो इस मसाले को खाना नहीं भूलें। रोजाना एक काली इलायची खाने से बॉडी में गर्मी पैदा होगी और पाचन दुरुस्त रहेगा। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि ये मसाला कैसे बॉडी को गर्म रखता है।
क्या सच में काली इलायची सर्दी में बॉडी के लिए मैजिकल है?
न्यूट्रिशनिस्ट नेहा रंगलानी ने बताया काली इलायची सर्दी के लिए बेहतरीन मसाला है। जिन लोगों को सर्दी ज्यादा लगती है वो इस मसाले को जरूर खाएं। काली इलायची को फेनोलिक यौगिकों से भरपूर माना जाता है जो शरीर में रक्त परिसंचरण के लिए अच्छी मानी जाती है। बड़ी इलायची का स्वाद तीखा होता है और ये थर्मोजेनिक मानी जाती है। कंसल्टेंट डायटीशियन और डायबिटीज एजुकेटर कनिका मल्होत्रा ने बताया काली इलायची में थर्मोजेनिक प्रभाव है जो शरीर में गर्मी का उत्पादन बढ़ा सकती है। इसके बायोएक्टिव कंपाउंट मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करते हैं और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करते हैं। ये यौगिक थर्मोजेनेसिस को बढ़ा सकते हैं। थर्मोजेनेसिस एक ऐसी प्रक्रिया जहां शरीर गर्मी उत्पन्न करता है।
काली इलायची का पाचन पर असर
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के मुताबिक काली इलायची में वातहर और पाचन गुण होते हैं जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कार्य में सुधार कर सकते हैं और मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया को उत्तेजित कर सकते हैं, जिससे बॉडी को गर्मी मिलती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ 2015 के अध्ययन के अनुसार काली इलायची मेटाबोलिक सिंड्रोम के लक्षणों को प्रभावी ढंग से उलट देती है। काली इलायची में जटिल कार्बोहाइड्रेट होता हैं और यह घटक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल फंक्शन में सुधार कर सकता है। डाइटरी फाइबर मोटापा कम करता है।