डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन कम करता है या फिर बंद कर देता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो शरीर में ग्लूकोज को एनर्जी में बदलने का काम करता है। डायबिटीज दो तरह की होती है एक टाइप-1 डायबिटीज जिसमें पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता और मरीज इंसुलिन इंजेक्शन का सहारा लेकर ब्लड शुगर को नॉर्मल करता है। टाइप-2 डायबिटीज में शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता, और समय के साथ पैंक्रियास इंसुलिन का उत्पादन करना कम कर देता है।

डायबिटीज की बीमारी में ब्लड शुगर का स्तर हाई होने पर बॉडी में कुछ लक्षण दिखते हैं जैसे ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, वजन कम होना,थकान,आंखों से धुंधला दिखाई देने जैसे लक्षण दिखते हैं। टाइप 1 डायबिटीज का इलाज इंसुलिन थेरेपी से होता है जबकि टाइप 2 डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए लाइफस्टाइल,खानपान, दवाओं और तनाव कम करके किया जा सकता है।अगर आपको डायबिटीज है तो डॉक्टर से नियमित जांच कराएं और लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव करें।

डाइट में कुछ फूड्स का सेवन डायबिटीज कंट्रोल करने में जादुई असर करता है। करेला एक ऐसी सब्जी है जो डायबिटीज मरीजों के लिए अमृत है। स्वाद में कड़वी ये सब्जी डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद करती है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण ने बताया अगर रोजाना एक मीडियम साइज के करेले का सेवन अगर जूस, सब्जी,अचार और भरवा करेले के रूप में कर लें तो आप आसानी से ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल कर सकते हैं।

एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ बिमल झाजर के मुताबिक करेला डायबिटीज मरीजों के लिए रामबाण इलाज है। करेला का सेवन उसका जूस बनाकर डायबिटीज मरीज करें तो आसानी से ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल कर सकते हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि करेला कैसे डायबिटीज कंट्रोल करता है और इसका सेवन कैसे करें।

करेला कैसे डायबिटीज कंट्रोल करता है?

स्वाद में कड़वा करेला डायबिटीज का रामबाण इलाज है। एक मीडियम साइज के करेले का जूस या सब्जी रोज खाने से डायबिटीज कंट्रोल रहती है। करेला में फाइबर भरपूर  होता है जो पाचन को दुरुस्त रखने में मदद करता है और डायबिटीज कंट्रोल करता है। एक करेला ब्लड शुगर के अचानक बढ़ने को रोकने में मदद करता है। करेले में  पिपेरिन नामक सक्रिय तत्व पाया जाता है जो शरीर को इंसुलिन का बेहतर उपयोग करने में मदद करता है, जिससे ब्लड में शुगर का स्तर कंट्रोल रहता है।

करेला में charantin और मॉमर्डिकिन जैसे कैमिकल मौजूद होते हैं जो डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद करते हैं। करेले में कुछ एंटीऑक्सीडेंट्स और पोषक तत्व होते हैं जो ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म में मदद करते हैं, जिससे ब्लड शुगर का बेहतर उपयोग और अवशोषण होता है। इसका सेवन करने से डायबिटीज कंट्रोल रहती है। करेला में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें विटामिन C,A और E मौजूद होता है। इसमें मौजूद मिनरल्स की बात करें तो इसमें पोटैशियम, मैग्नीशियम और जिंक मौजूद होता है जो डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद करता है।
करेले के सेहत के लिए फायदे

अगर डायबिटीज मरीज रोज या हफ्ते में दो से तीन दिन एक करेला का सेवन करें तो LDL कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहता है। इसका सेवन करने से दिल के रोगों से बचाव होता है। एंटी इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर करेला दिल के लिए बेहद उपयोगी है। आयरन से भरपूर करेला बॉडी में खून की कमी को पूरा करता है और इम्यूनिटी को बूस्ट करता है। इस सब्जी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स पर रिसर्च हुई है जिसमें पाया गया है कि ये डायबिटीज के लिए फायदेमंद है। इसका सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है और लिवर की हेल्थ दुरुस्त रहती है। इसका सेवन करने से खून में मौजूद टॉक्सिन बाहर निकलते हैं। जिन लोगों का यूरिक एसिड हाई रहता है वो रोजाना इस जूस का सेवन करें।

केरेला का जूस कब और कैसे पिएं

डायबिटीज मरीज करेला का सेवन उसका जूस बनाकर सुबह खाली पेट कर सकते हैं। इस जूस में डायबिटीज मरीज टमाटर,खीरा और पुदीना मिलाकर कर सकते हैं।

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