बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट ने हाल ही एक इंटरव्यू में अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर कई बातें शेयर की हैं। इस दौरान एक्ट्रेस आलिया भट्ट ने Attention-deficit/hyperactivity disorder (ADHD) और एंजाइटी को लेकर भी खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि वह ADHD की समस्या से जूझ रही हैं। आलिया ने कहा कि उन्हें हाल ही में एडीएचडी और एंजाइटी के बारे में पता चला था और वह इससे उबरने के लिए खुद पर काम कर रही हैं और उनका मानना ​​है कि वह इसे अच्छी तरह से मैनेज कर रही हैं। दरअसल, ADHD डिसऑर्डर यानी अटेंशन डिफीसिटएट हाइपरएक्टिव डिसऑर्ड एक तरह की न्यूरो डेवलेपमेंटल स्थिति है। ये बीमारी तेजी से 20 साल से अधिक उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही है।

क्या है ADHD डिसऑर्डर?

एडीएचडी (ADHD) या अटेंशन-डेफिसिट/हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर एक न्यूरो डेवलपमेंट डिसऑर्डर है, जो खराब लाइफस्टाइल, खानपान, तनाव और चिंता के चलते हो सकता है। यह मस्तिष्क के विकास और कार्य करने के तरीके को प्रभावित करता है, जिससे ध्यान केंद्रित करने, इम्पल्सों को कंट्रोल करने और हाइपरएक्टिविटी जैसी समस्याएं होती हैं। हालांकि, यह स्थिति बच्चों में ज्यादा देखी जाती है। अगर, बचपन में इस समस्या का ध्यान नहीं दिया जाता तो ये बड़े होते-होते ज्यादा परेशान कर सकती है और बड़े होने पर ADHD की समस्या से निजात पाना मुश्किल हो जाता है।

वयस्कों में ADHD के लक्षण

  • ध्यान लगाने में दिक्कत
  • कोई भी काम को पूरा करने में कठिनाई
  • बेचैनी
  • मूड स्विंग
  • उतावलापन
  • संबंधों को बनाए रखने में मुश्किल

क्या है ADHD का इलाज?

अटेंशन डिफीसिटएट हाइपरएक्टिव डिसऑर्ड यानी ADHD के इलाज की बात की जाए तो शुरुआती तौर पर इसे परिवार और दोस्तों के साथ बातचीत करने के साथ-साथ व्यवहार में बदलाव करके ठीक किया जा सकता है। हालांकि, एडीएचडी के गंभीर मामलों में दवा, मनोचिकित्सा के साथ थेरेपी की जरूरत पड़ सकती है।

गॉलिसानो चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल एट स्ट्रॉन्ग, यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर स्कूल ऑफ मेडिसिन एंड डेंटिस्ट्री, एमडी, स्टीफन ब्रायन सुल्केस के मुताबिक, ADHD मस्तिष्क की एक स्थिति है, जो जन्म से मौजूद होती है या जन्म के तुरंत बाद विकसित होती है। कुछ बच्चों को मुख्य रूप से निरंतर ध्यान, एकाग्रता और कार्यों को पूरा करने में कठिनाई होती है। वहीं, कुछ बच्चे हाइपरएक्टिव और ज्यादा जोशीले होते हैं और कुछ दोनों होते हैं।

दिल्ली के AIIMS अस्पताल में अटेंशन डिफीसिटएट हाइपरएक्टिव डिसऑर्ड की शिकायत ज्यादा मिल रही है। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के मनोचिकित्सा विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. रोहित वर्मा ने बताया कि 20 से 27 साल के युवाओं में किसी काम या खेल में ध्यान न लगा पाना, कोई बात स्पष्ट कहने पर भी ध्यान न देना, बातों को मानने में कठिनाई होना, काम करना भूल जाना या न कर पाना और आउट ऑफ जोन आदि की शिकायत अधिक हो रही है, जो अटेंशन डिफीसिटएट हाइपरएक्टिव डिसऑर्ड ADHD के सामान्य लक्षण हैं। उन्होंने बताया कि इस स्थिति से हर साल लाखों बच्चे प्रभावित होते हैं। इससे उनके काम और निजी जीवन पर असर पड़ रहा है।