दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए बढ़ता प्रदूषण एक बार फिर बड़ा खतरा बनता जा रहा है। राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में ठंड के आगमन से पहले ही हवा अधिक जहरीली होने लगी है। सुबह-शाम आसमान में स्मॉग की मोटी परत दिखाई देती है। वहीं, हवाओं में घुलता प्रदूषण का ये जहर फेफड़ों को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाने का काम करता है। साथ ही इससे लंग्स कैंसर होने की संभावना भी अधिक बढ़ जाती है।

गौरतलब है कि लंग्स यानी फेफड़े ही वातावरण से वायु को खींचकर उससे ऑक्सीजन को छानकर खून के कतरे-कतरे में पहुंचाते हैं, साथ ही शरीर के अंदर बन रहे कार्बनडायऑक्साइड को बाहर निकालने का काम भी फेफड़े ही करते हैं। इसके अलावा फेफड़े बॉडी के पीएच को बैलेंस कर बाहरी आक्रमण से हमें बचाते हैं। ऐसे में फेफड़ों का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी हो जाता है। हालांकि, हवाओं में बढ़ता प्रदूषण अधिक तेजी से लंग्स को नुकसान पहुंचाने का काम करता है। इसी कड़ी में इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी खास जड़ी-बूटियों के बारे में बता रहे हैं, जो जर्जर फेफड़ों में जमा गंदगी को निचोड़कर तेजी से बॉडी से बाहर करने में मददगार साबित हो सकती हैं।

त्रिफला

त्रिफला आयुर्वेद की तीन सबसे शक्तिशाली जड़ी बूटियों ‘विभीतकी’, ‘हरीतकी’ और ‘आंवला’ से मिलकर बनता है। वहीं, आयुर्वेद में त्रिफला को फेफड़ों की गंदगी को साफ करने के लिए सबसे बेहतरीन उपचार माना गया है। इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल, एंटी इंफ्लेमेटरी गुण इसे मजबूत औषधि बनाते हैं। इसके अलावा त्रिफला में पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सिडेंट जैसे एलाजिक एसिड, टैनिन और फ्लेवोन भी फेफड़ों को अधिक मजबूती देकर उसमें जमा गंदगी को जड़ से साफ करने में असरदार साबित हो सकते हैं। इसके सेवन से गले की सूजन कम होती है और श्वसनमार्ग के रोगों से भी आराम मिलता है।

कैसे करें इस्तेमाल?

फेफड़ों की सफाई के लिए एक लीटर पानी में करीब 100 एमजी त्रिफला को डालकर तब तक उबालें, तब तक पानी आधा ना हो जाए। पानी हल्का गुनगुना हो जाने के बाद सुबह खाली पेट घूंट-घूंट कर इसका सेवन करें। इसके अलावा आप गले से जुड़ी परेशानी में इस पानी से गरारे भी कर सकते हैं।

तुलसी

तुलसी भी फेफड़ों के लिए एक बेहतरीन औषधि है। इसके पत्तों में यूजेनॉल नामक तत्व पाया जाता है, जो श्वसनप्रणाली के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा तुलसी में भी एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो फेफड़ों को मजबूती देकर उनके काम को अधिक बढ़ावा देते हैं।

कैसे करें सेवन?

इसके लिए तुलसी के पत्तों को सुखाकर उसमें कत्था, मेन्थॉल और इलायची को बराबर मात्रा में पीस लें। इसके बाद इसमें एक चम्मच पिसी हुई चीनी मिला लें। आयुर्वेद के मुताबिक, दिन में दो बार आधा चम्मच इस मिश्रण के सेवन से फेफड़ों में जमे कफ और गंदगी को अधिर तेजी से साफ किया जा सकता है।

मुलेठी

इस सब के अलावा मुलेठी का सेवन भी फेफड़ों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। आयुर्वेद के मुताबिक, मुलेठी अपने मीठे और ठंडे गुणों के कारण श्वसनप्रणाली के संक्रमणों से राहत दिलाने में असरदार है। इसका सेवन फेफड़ों और गले में जमा होने वाले गाढ़े बलगम को पिघलाकर फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मददगार साबित हो सकता है।

कैसे करें सेवन?

आप मुलेठी से हर्बल टी बनाकर इसका सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा जब कभी आपको सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़े या सर्दी और खांसी आप पर हावी होने लगे, तब मुलेठी की कुछ छड़ियों को पानी में उबाल लें और इस पानी को धीरे-धीरे घूंट-घूंट कर पिएं। आप चाहें तो इस पानी में एक चम्मच शहद भी मिला सकते हैं। इससे फेफड़ों से जुड़ी परेशानी को जल्द ठीक किया जा सकता है।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।