बढ़ती उम्र के साथ मांसपेशियों का कमजोर और कम होना एक स्वाभाविक हिस्सा है। 30 साल की उम्र के बाद शरीर की मांसपेशियां हर साल 1-2% तक कमजोर हो सकती हैं। इसे मेडिकल भाषा में सारकोपीनिया (Sarcopenia) कहा जाता है। अगर इसे नजरअंदाज किया जाए, तो कई गंभीर बीमारियां हो सकती है। इसके चलते ही शुगर यानी डायबिटीज, मोटापा और जोड़ों की समस्या बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।

दिल्ली के सीके बिरला अस्पताल में आंतरिक चिकित्सा की निदेशक डॉ. मनीषा अरोड़ा ने बताया कि मांसपेशियों की कमी होने के कई कारण हो सकते हैं। मांसपेशियों की देखरेख और मरम्मत के लिए आवश्यक हार्मोन और टेस्टोस्टेरोन का लेवल जब शरीर में घटने लगता है तो मांसपेशियों के निर्माण की क्षमता में कम होती चली जाती है। ये हार्मोनल परिवर्तन शरीर के लिए मांसपेशियों को बनाए रखना अधिक कठिन बना देते हैं।

मांसपेशियों की कमजोरी का कारण

औसतन, 30 और 40 की उम्र वाले लोग हर साल अपनी मांसपेशियों का लगभग 1-2% खो देते हैं। जैसे-जैसे वे 50 की उम्र में पहुंचते हैं, यह दर 3-4% तक बढ़ जाती है और 60 की उम्र तक, मांसपेशियां सालाना 4-5% तक कम हो सकती हैं। डॉ. अरोड़ा ने कहा कि ये दरें अलग-अलग होती हैं, लेकिन उम्र से संबंधित मांसपेशियों की हानि से स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।

मांसपेशियों की कमजोरी और शुगर बढ़ने के कारण

बढ़ती उम्र के साथ मांसपेशियों में कमी होने के कई कारण हो सकते हैं। सही मात्रा में प्रोटीन न लेने से मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। इसके अलावा ज्यादा समय तक बैठे रहना और एक्सरसाइज न करना भी मांसपेशियों को कमजोर करता है। बढ़ती उम्र में हार्मोनल बदलाव भी मांसपेशियों में कमी का एक मुख्य कारण है। शरीर में टेस्टोस्टेरोन और ग्रोथ हार्मोन कम होने से मसल लॉस होता है। इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ने से मांसपेशियां जल्दी खराब होती हैं और डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। इसके साथ ही विटामिन D, मैग्नीशियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी के कारण मांसपेशियां कम होने की संभावनाएं ज्यादा हो जाती हैं।

जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकोपेनिया यानी मांसपेशियों में कमी के कारण मधुमेह का जोखिम 24 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। मांसपेशियों का कम होना उम्र बढ़ने का एक स्वाभाविक हिस्सा है। डॉ. अरोड़ा ने बताया कि हेल्दी लाइफस्टाइल और खानपान को ध्यान में रख ने समस्या को कम किया जा सकता है।

वहीं, एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ. बिमल झाजर ने बताया अगर आपका कोलेस्ट्रॉल हाई है तो आप एनिमल फूड्स का सेवन करने से परहेज करें।