High Blood Pressure Control: हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप वर्तमान समय में एक बेहद आम स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। बता दें कि जब दिल ब्लड को ठीक तरह से पंप करने में असमर्थ होता है तब लोग हाई बीपी की बीमारी से ग्रस्त हो जाते हैं। ऐसा आर्टरीज के सिकुड़ जाने के कारण होता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय तक ब्लड प्रेशर रहने से आर्टरीज की दीवारों पर दबाव पड़ता है जिससे कई स्वास्थ्य परेशानियां होने लगती हैं।

उम्र के साथ हाई बीपी से पीड़ित होने का खतरा भी बढ़ता है। कई लोग जो उम्र के 30 बसंत पार कर चुके होते हैं उन्हें हाइपरटेंशन की शिकायत हो सकती है। सिरदर्द, सांस लेने में परेशानी या फिर नाक से खून बहना इसके प्रमुख लक्षण हैं। ऐसे में इसे कंट्रोल करने के लिए दवाइयों के साथ अपने लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करना भी जरूरी है। आइए जानते हैं कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार हाई बीपी का खतरा दूर करने के लिए किन तीन बातों का ध्यान रखें।

हेल्दी डाइट फॉलो करें: बैलेंस्ड डाइट जिसमें सभी तरह के पोषक तत्व हों, लोगों को बीमारियों से दूर रखते हैं। पत्तेदार सब्जियों से लेकर फलों तक, ब्लड प्रेशर का खतरा कम करने के लिए इन्हें खाना चाहिए। इन सब्जियों में विटामिन-के होता है जो आर्टरीज को सुरक्षित रखने और सही ब्लड क्लॉटिंग को बढ़ावा देता है। इसमें नाइट्रेट्स पाए जाते हैं जो ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने और आर्टरीज की अकड़न दूर करने के लिए जाने जाते हैं।

वहीं, फलों का राजा आम फाइबर और बीटा कैरोटीन से भरपूर होता है जो रक्तचाप को नियंत्रित रखता है। जबकि ब्लूबेरीज विटामिन-सी और ओमेगा-3 फैटी एसिड से युक्त होता है, ये तत्व बीपी के स्तर को बढ़ने नहीं देते हैं।

नियमित व्यायाम: कई शोध में ये बात प्रमाणित हो चुकी है कि एक्सरसाइज करने से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन में गिरावट आती है। साथ ही, ये एंडॉर्फिन का उत्पादन करता है जो प्राकृतिक दर्द निवारक और मूड बेहतर करने के लिए जाना जाता है। वहीं, एक रिपोर्ट के अनुसार नियमित रूप से व्यायाम करने हाई बीपी के सिस्टॉलिक लेवल को कम किया जा सकता है।

तनाव लेने से बचें: आज के समय में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होगा जिसे किसी बात का स्ट्रेस न हो। लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि 30 की उम्र को पार कर चुके लोगों को स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए क्योंकि इससे हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ता है। आप स्टेस को नियंत्रित करने के लिए भरपूर नींद लें, मेडिटेशन करें या फिर गाने भी सुन सकते हैं।