Diabetes Control: दुनिया में सबसे आम मगर खतरनाक बीमारियों में से एक है डायबिटीज। इससे ग्रस्त मरीजों को अपने रक्त शर्करा के स्तर पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए सही डाइट और दवाइयों का सहारा लेना पड़ता है। साथ ही, इंसुलिन इंजेक्शन लेने की नौबत भी आ सकती है। हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक एक खास तरह का वर्क आउट करने से डायबिटीज के मरीजों को फायदा होगा। आइए जानते हैं विस्तार से –
ये व्यायाम करने से होगा लाभ: एक ट्रायल के मुताबिक सप्ताह में कम से कम 150 मिनट एरोबिक एक्सरसाइज करने से डायबिटीज टाइप 2 के मरीजों के शरीर का ग्लाइसेमिक कंट्रोल बेहतर रहेगा। साथ ही, वैसे बुजुर्ग जो डायबिटीज से ग्रस्त होते हैं यदि वो वेइंग मशीन से रेसिस्टेंस ट्रेनिंग या फिर फ्री वेट का इस्तेमाल करते हैं तो उनमें स्ट्रेंथ 50 फीसदी तक बढ़ जाता है।
कुछ नियमों का करें पालन: एरोबिक एक्टिविटी के अधिकतम फायदों के लिए हेल्थ एक्सपर्ट्स कुछ नियमों के पालन की सलाह देते हैं। मरीजों को सप्ताह के सातों दिन ये एक्टिविटी करना चाहिए। लगातार दो दिन बगैर एक्सरसाइज के मरीजों को नहीं रहना चाहिए। रेसिस्टेंस ट्रेनिंग करने से मधुमेह रोगियों का दिल मजबूत रहेगा। ज्यादा फायदे के लिए विशेषज्ञ हाई इंटेंसिटी एरोबिक एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं।
शामिल हैं ये एक्सरसाइज: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार मॉडरेट और हाई इंटेंसिटी एरबिक वर्क आउट रूटीन में साइकलिंग, हाइकिंग, डांसिंग, ब्रिस्क वॉकिंग, टेनिस, स्क्वैट्स, पुश अर्स और रनिंग शामिल है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इन व्यायामों को तेज गति से करने से मरीजों के शरीर का ग्लाइसेमिक कंट्रोल बेहतर होगा और वजन घटाने में भी मदद करता है।
जेस्टेशनल डायबिटीज पर रखता है कंट्रोल: डायबिटीज थेरेपी में छपी एक स्टडी के मुताबिक मॉडरेट इंटेंसिटी एरोबिक एक्सरसाइज जेस्टेशनल डायबिटीज से ग्रस्त महिलाओं को फायदा पहुंचाएगा। बता दें कि गर्भावस्था के दौरान होने वाली एक आम परेशानी है इस प्रकार की डायबिटीज। इससे नॉर्मल प्रेग्नेंसी और डिलीवरी प्रक्रिया प्रभावित होती है।