आज के समय में खराब खानपान, बिगड़ती लाइफस्टाइल और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण लोग ऐसी बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं, जो पहले बड़े बुजुर्गों को हुआ करती थी। ऐसी ही एक बीमारी है डायबिटीज की। मधुमेह की बीमारी का खतरा तब बढ़ता है, जब शरीर में इंसुलिन का उत्पादन कम या फिर बंद हो जाए। इंसुलिन एक तरह का हार्मोन है, जिसे बॉडी में पैन्क्रियाज प्रोड्यूस करता है। बता दें कि खराब लाइफस्टाइल के कारण दुनिया में करोड़ों लोग डायबिटीज की बीमारी से जूझ रहे हैं।

एक स्टडी के मुताबिक भारत की आबादी का 7.8 हिस्सा मधुमेह की बीमारी से ग्रसित है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो डायबिटीज में ब्लड शुगर यानी रक्त शर्करा को काबू में रखना बेहद ही जरूरी होता है। क्योंकि खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने से हार्ट अटैक, किडनी फेलियर और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर जैसी जानलेवा स्थिति का खतरा भी बढ़ता है। डायबिटीज के मरीजों को स्वास्थ्य विशेषज्ञ खानपान का पूरी तरह से ध्यान रखने की सलाह देते हैं, क्योंकि खानपान में लापरवाही से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। बॉडी में रक्त शर्करा के स्तर को काबू रखने में दूध बेहद ही कारगर है।

एक शोध के मुताबिक डायबिटीज के मरीजों के लिए दूध का सेवन किसी रामबाण से कम नहीं है। जर्नल ऑफ डेयरी साइंस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक नाश्ते में दूध का सेवन करने से पूरे दिन ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।

यूनिवर्सिटी ऑफ गुएल्फ़ी से ह्यूमन न्यूट्रास्युटिकल रिसर्च यूनिट के वैज्ञानिकों की टीम ने टोरंटो विश्वविद्यालय के साथ मिलकर एक शोध किया, जिसमें पाया गया कि नाश्ते में उच्च प्रोटीन वाले दूध का सेवन करने से रक्त शर्करा का स्तर किस तरह प्रभावित होता है।

इस शोध में खुलासा हुआ कि उच्च कार्बोहाइड्रेट वाले नाश्ते के साथ दूध का सेवन करने से दोपहर के बाद रक्त शर्करा का स्तर काफी कम हो जाता है। नाश्ते में अनाज के साथ दूध का सेवन पानी की तुलना में पोस्टप्रांडियल रक्त शर्करा की मात्रा को कम करता है। ऐसे में डायबिटीज के मरीज अपने नाश्ते में दूध को शामिल कर सकते हैं।