आजकल एसिडिटी, गैस और पेट फूलना हर घर में आम समस्या बन गई है। देर रात मसालेदार खाना, अनियमित भोजन या तनाव इनका कारण बन सकते हैं, लेकिन यह आम सी दिखने वाली तकलीफें कभी-कभी पेट के कैंसर का शुरुआती इशारा भी हो सकती हैं। ऐसे में एसिडिटी, गैस और पेट फूलने की समस्या को आम मानकर अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि लंबे समय तक ऐसा होना सेहत के साथ-साथ पेट के कैंसर का कारण बन सकता है।

कैंसर सर्जन डॉ. विनय सैमुअल गायकवाड़ के मुताबिक, शुरुआती चरण में पेट का कैंसर जोर से चेतावनी नहीं देता, बल्कि चुपचाप पाचन से जुड़ी परेशानियों का रूप ले लेता है। ऐसे में आम गैस्ट्रिक परेशानी और गंभीर बीमारी के बीच फर्क करना मुश्किल हो जाता है। चलिए आपको बताते हैं पेट के कैंसर के लक्षण और बचाव किया हैं।

हल्का खाने के बाद भी पेट में भारीपन

अक्सर ज्यादा खाने के बाद पेट में भारीपन महसूस होता है, जो सामान्य है, लेकिन पेट के कैंसर में यह भारीपन बहुत कम खाना खाने के बाद भी बना रहता है। दरअसल, ट्यूमर पेट के अंदर जगह घेरने लगता है, जिससे इसकी क्षमता कम हो जाती है। धीरे-धीरे यह असामान्य भारीपन भूख को कम कर देता है और बिना वजह वजन कम होने का कारण बनता है।

पेट से पीठ तक पहुंचने वाला दर्द

सामान्य एसिडिटी में सीने या ऊपरी पेट में जलन महसूस होती है, लेकिन पेट के कैंसर में यह दर्द अलग तरह का होता है। यह पीठ की ओर फैल सकता है या हल्के पर लगातार रहने वाले दर्द के रूप में महसूस हो सकता है। लोग अक्सर इसे गैस्ट्राइटिस या गलत मुद्रा से जुड़ा दर्द समझ कर अनदेखा कर देते हैं।

बिना वजह बार-बार मितली

मितली या उल्टी की इच्छा को अक्सर खराब भोजन या अपच का संकेत माना जाता है, लेकिन अगर बिना तैलीय या भारी खाना खाए भी बार-बार मितली हो, तो यह सिर्फ एसिडिटी नहीं बल्कि पेट की परत में हो रही गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। खासतौर पर अगर यह मितली भूख कम होने के साथ जुड़ी हो तो स्टमक कैंसर की जांच जरूरी हो जाती है।

मल के रंग या पैटर्न में बदलाव

एसिडिटी आमतौर पर मल यानी स्टूल के रंग को नहीं बदलती, लेकिन पेट के कैंसर में आंतरिक रक्तस्राव हो सकता है, जिससे मल का रंग गहरा या काला हो सकता है। कभी-कभी बदलाव बहुत हल्के होते हैं। जैसे मल का चिपचिपा होना या असामान्य बदबू आदि। अगर ऐसा बार-बार दिखे तो इसे बिल्कुल नजरअंदाज न करें।

अलग तरह का डकार आना

खाने के बाद डकार आना सामान्य है, लेकिन जब डकार बहुत ज्यादा बार आने लगे या इसके साथ खट्टा स्वाद, धातु जैसा फ्लेवर या हल्की उल्टी हो तो यह साधारण गैस नहीं है। कुछ मामलों में ट्यूमर पाचन प्रक्रिया में बाधा डालता है, जिससे गैस का उत्पादन बढ़ जाता है और डकारें सामान्य से अधिक असहज महसूस होती हैं।

वहीं, फिटनेस ट्रेनर नवनीत रामप्रसाद के अनुसार, सिर्फ लंबी वॉक करना 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को मजबूत बनाने के बजाय और भी कमजोर कर सकता है।