आजकल के खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल का सिर्फ सेहत पर ही असर नहीं पड़ता, बल्कि ओरल हेल्थ भी प्रभावित होती है। आजकल जंक फूड्स या फिर कभी भी कुछ भी खाने से कम उम्र में ही पीले दांत, कमजोर मसूड़े और सांसों की बदबू जैसी कई समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। इसका सबसे मुख्य कारण मुंह और दांतों की सही से सफाई नहीं होना। मुंह से बदबू आने की वजह से अक्सर लोगों को शर्मिंदगी महसूस होती है और वह किसी के साथ अच्छा बातचीत तक नहीं कर पाते। अगर, आप भी मुंह से बदबू और कमजोर मसूड़े आदि की समस्या से परेशान हैं तो इसके लिए आचार्य बालकृष्ण द्वारा बताया गया आयुर्वेदिक उपाय अपना सकते हैं, जिसकी मदद से न सिर्फ सांसों की बदबू दूर होगी, बल्कि ओरल हेल्थ को भी फायदा मिलेगा।
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, भारत में पिछले कुछ समय से ओरल हेल्थ को लेकर स्थिति चिंताजनक हो गई है। ये समस्याएं न केवल बाहरी रूप को प्रभावित करती हैं, बल्कि पूरी हेल्थ को भी प्रभावित करती हैं। मुंह में बैक्टीरिया, मुंह की सही तरीके से सफाई न करने, चाय, कॉफी, तंबाकू या कोल्ड ड्रिंक्स का अधिक सेवन इसके पीछे मुख्य कारण है। दरअसल, खराब खानपान और ओरल हेल्थ की अनदेखी के चलते दांतों में कैविटी, मसूड़ों में परेशानी और दांत में दर्द, दांत के बीच में चिपचिपी गंदगी जमना, जबड़े और मसूड़ों में सूजन होने जैसी दांतों की परेशानियां लोगों को ज्यादा परेशान करती हैं।
त्रिफला चूर्ण
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, त्रिफला आयुर्वेद की एक प्राचीन और विश्वसनीय औषधि है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं, जो दांतों से प्लाक और टार्टर हटाने में मदद करते हैं। यह मुंह के बैक्टीरिया को मारकर कैविटी और सांसों की दुर्गंध को रोकता है। रात में सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें। त्रिफला पाचन को दुरुस्त करता है, शरीर से विषैले तत्व यानी टॉक्सिन निकालता है और मुंह की बदबू को जड़ से खत्म करता है।
नीम की पत्तियों का उपयोग
नीम प्राकृतिक एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है। मुंह की बदबू को दूर करने के लिए नीम की पत्तियां बहुत लाभकारी साबित हो सकती है। रोज सुबह नीम की 4-5 कोमल पत्तियां चबाने से मुंह में मौजूद बैक्टीरिया नष्ट होते हैं और सांस ताजी रहती है। इसके अलावा नीम की दातुन करना भी लाभकारी है।
लौंग और इलायची
ओरल हेल्थ के लिए लौंग और इलायची को रामबाण माना गया है। लौंग में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो मुंह के कीटाणुओं को मारकर दुर्गंध कम करते हैं। रोजाना 1-2 लौंग या छोटी इलायची मुंह में रखने से तुरंत राहत मिलती है और लंबे समय तक फ्रेशनेस बनी रहती है।
वहीं, फिटनेस ट्रेनर नवनीत रामप्रसाद के अनुसार, सिर्फ लंबी वॉक करना 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को मजबूत बनाने के बजाय और भी कमजोर कर सकता है।