पेशाब में जलन होना एक आम समस्या है। इसे डिस्यूरिया भी कहते हैं। यह किसी भी उम्र के पुरुष और महिलाओं में हो सकता है, लेकिन महिलाओं में ज्यादा पाई जाती है। यह जलन या दर्द मूत्रमार्ग में या जननांगों के आसपास महसूस होती है। हालांकि, पेशाब के रास्ते जलन का मतलब यह नहीं है कि आपको इसकी बीमारी है, बल्कि यह किसी अन्य बीमारियों के लक्षण हैं। जैसे- यूटीआई और पेट से जुड़ी समस्या आदि। पेशाब में जलन को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये लंबे समय तक रहने पर गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है। इससे निजात पाने के लिए आयुर्वेद में भी कई इलाज बताए गए हैं। अगर, आपको पेशाब में जलन होती है या पेट से जुड़ी समस्याएं रहती हैं, तो कण्टकारी के पत्तों का पानी एक प्राकृतिक और असरदार उपाय हो सकता है। आयुर्वेद एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, यह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी मूत्र संबंधित दिक्कतों और पेट की कई बीमारियों में फायदेमंद होती है। आचार्य बालकृष्ण ने कण्टकारी के फायदे बताए हैं।

कण्टकारी (Solanum xanthocarpum) क्या है?

आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि कण्टकारी को भटकटैया भी कहा जाता है। यह आयुर्वेद में औषधीय गुणों से भरपूर मानी जाती है। इसका उपयोग मूत्र विकार, सांस की समस्याओं और पेट की बीमारियों के इलाज में किया जाता है।

आचार्य बालकृष्ण  के मुताबिक, पेशाब में जलन हो या रूक-रूक कर हो रहा है तो कण्टकारी के ताजे पौधे की 5 ग्राम मात्रा को 400 ग्राम पानी में पकाएं। जब चौथाई शेष रह जाए तो छानकर इसका सेवन करें। अगर, आपको कण्टकारी का पौधा उपलब्ध नहीं है तो इसके सूखे पंचांग की भी 5 ग्राम मात्रा उबालकर प्रयोग करें। इसका सेवन करने से मूत्र संबंधी सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो जाएंगी।

पेशाब में जलन के लिए कण्टकारी के फायदे

कण्टकारी मूत्र मार्ग की सफाई करने के लिए बहुत ही असरदार होता है। इसमें मौजूद प्राकृतिक तत्व शरीर से विषाक्त पदार्थ यानी टॉक्सिन को बाहर निकालते हैं और पेशाब साफ करने में मदद करते हैं। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो पेशाब के दौरान जलन और संक्रमण (UTI) को कम करते हैं।

किडनी के लिए असरदार

कण्टकारी किडनी को हेल्दी बनाए रखने के लिए फायदेमंद होता है। यह किडनी को डिटॉक्स करता है और गुर्दे से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है। नियमित रूप से इसका सेवन करने पर किडनी हेल्दी रहती है और अच्छे से काम करती है।

डायबिटीज में फायदेमंद

डायबिटीज के मरीजों को बार-बार पेशाब की समस्या होती है, कण्टकारी इस परेशानी को कम कर सकता है। कण्टकारी में मौजूद प्राकृतिक तत्व डायबिटीज में फायदेमंद होते हैं।

पेट की बीमारियों के लाभकारी

कण्टकारी का पानी पेट के दर्द, गैस और अपच को दूर करने में मदद करता है। इसमें एंटी-पैरासिटिक गुण होते हैं, जो पेट के कीड़ों को खत्म करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा ये एसिडिटी और कब्ज में राहत दिलाने के लिए भी असरदार है। यह गैस्ट्रिक जूस के स्राव को कंट्रोल करता है और पेट को हल्का रखता है। इसके सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है।

वहीं, कब्ज की समस्या से परेशान लोगों के लिए भी कई उपाय हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, किशमिश वाला दूध सेहत के लिए फायदेमंद होता है। यह एक प्राकृतिक टॉनिक की तरह काम करता है, जो पाचन को सुधारता है और शरीर को एनर्जी देता है, क्योंकि शमिश में एंटीऑक्सीडेंट अच्छी मात्रा में होते हैं, जो कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाते हैं।