आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बहुत आम हो चुकी हैं, जिसका सबसे मुख्य कारण अनहेल्दी लाइफस्टाइल, खराब खानपान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी है। हालांकि, हेल्दी और फिट रहने के लिए लोग कई प्रकार के घरेलू उपाय और दवाओं का सहारा लेते हैं, लेकिन आयुर्वेद में भी ऐसी शक्ति है जो शरीर को कई बीमारियों से बचाने में लाभकारी साबित होती है। दरअसल, हमारे आसपास कई प्रकार की जड़ी-बूटी होती है, जिनकी सही पहचान और उपयोग किया जाए, तो कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का इलाज किया जा सकता है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि दूधी घास सेहत के लिए बहुत ही गुणकारी होती है। इसके इस्तेमाल से पेट में दर्द, ऐंठन और कई समस्याओं से राहत मिल सकती है।
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, प्रकृति ने हमें ऐसी जड़ी-बूटियां दी हैं, जो दिखने में आम होने के बावजूद औषधि का काम करती हैं। दूधी घास कई बीमारियों में औषधि का काम करती है। अमेरिकी नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, दूधी घास में फ्लैवोनोइड्स जैसे अफ्जेलिन, क्वेर्सिट्रिन, मायरिसिट्रिन, रुटिन और क्वेरसिटीन होते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं। इसके अलावा यूफोर्बिन-ए, बी, सी, डी और क्वेरसिटोल डेरिवेटिव्स भी होते हैं, ये सभी तत्व एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल बनाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
पेट दर्द और ऐंठन राहत
दूधी घास में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं। इससे पेट की ऐंठन और दर्द से राहत मिल सकती है। इसका काढ़ा या अर्क का सेवन करने से गैस, अपच और पेट में मरोड़ की समस्या में राहत मिल सकती है।
इम्यूनिटी बूस्ट
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, दूधी घास में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण भरपूर मात्रा में होते हैं। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी बूस्ट करती है और बार-बार होने वाले सर्दी-जुकाम या बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाती है। शरीर की इम्यूनिटी बूस्ट होने से सेहत को कई फायदे मिलते हैं।
लिवर डिटॉक्स
दूधी घास लिवर को डिटॉक्स करने में मददगार साबित हो सकती है। दूधी घास का सेवन करने से शरीर से टॉक्सिन बाहर निकलते हैं और लिवर की कार्यक्षमता बेहतर होती है।
त्वचा के लिए फायदेमंद
दूधी घास का रस त्वचा के लिए लाभकारी होता है। दूधी घास का रस त्वचा पर लगाने से दाद, खाज, खुजली और फोड़े-फुंसियों जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। इसके एंटीसेप्टिक गुण त्वचा को जल्दी ठीक करने में मदद करते हैं।
जोड़ों के दर्द से राहत
जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए भी दूधी घास लाभकारी हो सकती है। दूधी घास में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करते हैं। इसके नियमित सेवन या इसका लेप लगाने से गठिया जैसी समस्याओं में आराम मिलता है।
वहीं, NCBI में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, लिवर को हेल्दी रखने के लिए विटामिन ए और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा शरीर में जरूर होनी चाहिए।