Diabetes Risk: डायबिटीज के मरीजों को अपने रक्त शर्करा के स्तर पर निगरानी बनाकर रखनी चाहिए। ये बीमारी मुख्य तौर पर दो प्रकार की होती है जिसमें टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज शामिल है। अगर रोगियों का शुगर लेवल लंबे समय तक हाई रहेगा तो इससे उनके शरीर के विभिन्न अंगों पर नकारात्मक असर होगा। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक भारत में फिलहाल करीब 77 मिलियन लोग मधुमेह बीमारी से ग्रस्त हैं, जबकि लगभग 80 मिलियन लोग प्री-डायबिटीज से पीड़ित हैं। ऐसे में इस बीमारी पर नियंत्रण बना रखने के लि कुछ उपायों को अपनाना जरूरी है।

पोषक से भरपूर होनी चाहिए डाइट: स्वस्थ खानपान शुगर लेवल कंट्रोल करने में सहायक होते हैं। ऐसे में डाइट में पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थों को जगह देनी चाहिए। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक लोगों को खाने में फल, नॉन-स्टार्चयुक्त सब्जियां जैसे कि चिकेन, तोफू, फिश, ग्रीक यॉगर्ट, दाल और अंडा खाना चाहिए।

वजन पर रखें ध्यान: प्री-डायबिटीज से घिरे लोग अक्सर शरीर के ज्यादा वजन से परेशान होते हैं, वहीं वजन घटाने से इस स्थिति को उल्टा जा सकता है। ऐसे लो कैलोरी फूड्स खाने से वजन पर नियंत्रण रहेगा और डायबिटीज का खतरा भी कम होगा।

नियमित एक्सरसाइज: व्यायाम करने से ओवरॉल हेल्थ बेहतर रहती है, साथ ही डायबिटीज रोगियों के लिए भी एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है। सप्ताह में करीब 5 दिन रोजाना 30 मिनट व्यायाम करना चाहिए।

बंद करें धूम्रपान: हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक स्मोकिंग करने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 30 से 40 फीसदी तक बढ़ सकता है। साथ ही, इससे फेफड़े और हृदय संबंधी परेशानियां भी हो सकती हैं। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन मरीजों को सलाह देता है कि स्मोकिंग की आदत से परहेज के लिए अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।

ब्लड प्रेशर पर रखें कंट्रोल: डायबिटीज का खतरा बढ़ाने के प्रमुख कारकों में से एक है हाई ब्लड प्रेशर। 2015 की एक एनालिसिस के मुताबिक मधुमेह रोगियों को दूसरी जटिलताओं से बचने के लि अपने रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित रखना चाहिए।

ध्यान करें: जब लोगों को तनाव होता है तो शरीर से स्ट्रेस हार्मोन निकलता है। इससे ब्लड शुगर लेवल में अचानक वृद्धि देखने को मिल सकती है। इस वजह से अपनी मेंटल हेल्थ को बेहतर करने के लिए मेडिटेशन करना चाहिए।