महिलाएं घर और ऑफिस में इतना ज्यादा मसरूफ हैं कि उन्होंने अपनी सेहत को पूरी तरह से नज़रअंदाज कर दिया है। महिलाएं बीमारी होने पर भी अपना इलाज नहीं कराती और उसी परेशानी के साथ जिंदगी को गुजारती रहती है जिसका नतीजा आगे चलकर उन्हें गंभीर बीमारियों का शिकार होना पड़ता है। विश्व आर्थिक मंच और मैकिन्से हेल्थ इंस्टीट्यूट की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार औसतन महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक समय तक जीवित रहती है लेकिन बावजूद इसके महिलाएं अपने जीवन का 25 फीसदी से ज्यादा समय बीमारी के साथ गुजारती हैं।

एम्स, भारतीय सांख्यिकी संस्थान, प्रधान मंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद और हार्वर्ड विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार भारत में केवल 37 प्रतिशत महिलाओं को 67 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में हेल्थ केयर सुविधाएं मिलती हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक महिलाओं और पुरुषों की सेहत में दिखने वाली ये असमानता के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं जैसे महिलाओं में हेल्थ से जुड़े मुद्दों का निर्णय लेने की सीमित शक्ति और स्वास्थ्य देखभाल तक सीमित पहुंच जैसे कारक जिम्मेदार हैं।

इस अंतर को पाटने और महिलाओं के स्वास्थ्य परिणामों में सुधार करने के लिए महिलाओं को अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने की पूरी जरूरत होगी। रेडक्लिफ लैब्स में चिकित्सा प्रयोगशाला निदेशक डॉ. सोहिनी सेनगुप्ता ने बताया कि महिलाओं को अपनी सेहत को हेल्दी रखने के लिए साल में इन 7 टेस्ट को कराना जरूरी हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि महिलाएं अपनी बॉडी को हेल्दी रखने के लिए किन 7 टेस्ट को साल में एक बार जरूर कराएं।

Blood glucose और HbA1c टेस्ट कराएं

भारत में 15 से 49 वर्ष की आयु की महिलाएं तुरंत ब्लड शुगर का टेस्ट कराएं। इस टेस्ट की मदद से डायबिटीज या प्रीडायबिटीज का शीघ्र पता लगाने और उसे कंट्रोल करने के लिए बेहतर जानकारी मिलेगी।

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराएं

जंक फूड की बढ़ती खपत और गतिहीन जीवन शैली के बीच, लिपिड प्रोफाइल टेस्ट हृदय रोग के जोखिम वाले व्यक्तियों की पहचान करने में मदद करते हैं, जिससे युवा आबादी में भी संभावित जोखिमों को कम करने में मदद मिलती है।

आयरन की कमी का लगाएं पता

52 फीसदी से अधिक भारतीय महिलाएं आयरन की कमी से प्रभावित हैं। आयरन की कमी का पता लगाने के लिए आप तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और कुछ खास टेस्ट कराएं।

सीरम कैल्शियम और विटामिन डी का टेस्ट कराएं

हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्वों के स्तर का आकलन और कमियों की शीघ्र पहचान करना जरूरी है। सीरम कैल्शियम और विटामिन डी का टेस्ट कराने से ऑस्टियोपोरोसिस और अन्य हड्डी विकारों को रोका जा सकता है। इन टेस्ट के जरिए हड्डियों को मजबूत बनाने और फ्रैक्चर के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

थायराइड प्रोफ़ाइल टेस्ट है जरूरी

थायराइड से संबंधित विकारों का शीघ्र पता लगाने, मेटाबॉलिज्म और समग्र स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव डालने से पहले ही आप समय पर थायराइड जांच जरूर कराएं।

CBC टेस्ट कराएं

सीबीसी टेस्ट संक्रमण, एनीमिया और अन्य ब्लड से संबंधी स्थितियों का निदान करने में मदद करता हैं। इस टेस्ट की मदद से समय पर बीमारी का पता लगाकर उसका इलाज किया जा सकता है।

सर्वाइकल कैंसर की जांच कराना है जरूरी

भारतीय महिलाओं में दूसरे सबसे अधिक प्रचलित कैंसर के रूप में, पैप स्मीयर और एचपीवी टेस्ट सहित नियमित सर्वाइकल कैंसर की जांच कराना जरूरी है। ये टेस्ट बीमारी का शीघ्र पता लगाने और उपचार के लिए आवश्यक है, जिससे सर्वाइकल कैंसर से संबंधित मृत्यु दर में काफी कमी आती है।