कुछ दवाएं ऐसी हैं जो हमारे फर्स्ट एड बॉक्स में हमेशा मौजूद रहती हैं जिसमें पेरासिटामोल, विटामिन डी, पेट के इन्फेक्शन और पेट में गैस का इलाज करने वाली दवाएं शामिल हैं। पैरासिटामोल का सेवन अक्सर हम बुखार होने पर, सिर दर्द या बदन दर्द का इलाज करने के लिए करते हैं। आप जानते हैं कि जिन दवाओं का इस्तेमाल आप आंख बंद करके करते हैं वो दवाएं आपकी बीमारी का इलाज नहीं कर रही बल्कि आपको बीमार कर रही हैं।
भारत के ड्रग नियामक सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने अगस्त में किए गए दवाओं के क्वालिटी चेक में 50 से ज़्यादा दवाइयों को ‘स्टैंडर्ड क्वालिटी’ से बाहर कर दिया है। इन दवाओं में कई क्रॉनिक बीमारियों की दवा जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर की दवा, दर्द को दूर करने वाली दवा डिक्लोफेन, कैल्शियम सप्लीमेंट, एसिड रिफ्लक्स, पेट में इंफेक्शन की दवा और जरूरी विटामिन की गोलियों को स्टैंडर्ड क्वालिटी से बाहर रखा है।
ये दवाएं देश की बड़ी फार्मास्यूटिकल कंपनियां बनाती हैं। CDSCO के मुताबिक ये दवाएं आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा रही है। बीपी और डायबिटीज मरीज ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को नॉर्मल रखने के लिए जिन दवाओं को रोज फांक करे हैं असल में वो उनके लिए जहर है जो कई तरह से उनकी सेहत को नुकसान पहुंचा रही है। आइए जानते हैं कि दवा के असली और नकली होने का पता कैसे लगाएं।
दवा असली है या नकली कैसे लगाएं पता
एमडी इंटरनल मेडिसिन में डॉक्टर प्रखर गर्ग ने बताया जब भी आप दवा दुकान से दवाई खरीद रहे हैं तो दवा के पत्ते पर मौजूद QR कोड को स्कैन करके ही दवा को खरीदें। इस स्कैन की मदद से आप इस दवा की जानकारी अपने मोबाइल पर तुरंत हासिल कर सकते हैं। जिस साइंटिस्ट ने इस दवा पर काम किया होगा उसकी सारी जानकारी इस QR कोड की मदद से आपके सामने आ जाएगी। पैरासिटामोल और पैन डी जैसी दवाएं जिनका ज्यादा इस्तेमाल होता है वो नकली साबित हुई है जो सेहत को नुकसान पहुंचा रही हैं।
CDSCO की रिपोर्ट के मुताबिक इन दवाओं की क्वालिटी बेहद खराब है जो सेहत को नुकसान पहुंचा रही हैं। इन दवाओं में हाई बीपी, ब्लड प्रेशर, कैल्शियम की दवाएं,जरूरी विटामिन और पेन डी शामिल हैं जिनका देश में ज्यादातर इस्तेमाल हो रहा है। नामी और बड़ी फार्मा कंपनियों की ये दवाएं क्वालिटी में जीरो साबित हुई हैं। नोट फॉर स्टैंडर्ड क्वालिटी लिस्ट में शामिल ये दवाएं सेहत के लिए घातक साबित हो रही हैं। आइए जानते हैं कि पैरासिटामॉल समेत ये दवाएं कैसे सेहत के लिए घातक हैं
पैरासिटामॉल समेत ये दवाएं कैसे सेहत के लिए घातक हैं?
Paracetamol खासतौर पर लिवर में मेटाबॉलाइज होती है जिसका ज्यादा सेवन करने से बॉडी में टॉक्सिन पैदा होते हैं जो लिवर के सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं। लिवर को हेल्दी रखना चाहते हैं तो छोटी-छोटी परेशानी होने पर दवा को खाना बंद कर दें। खासतौर पर पैरासिटामॉल का सेवन करना बंद कर दें।
WHO के मुताबिक Paracetamol का सेवन सीमित किया जाए तो इसका फायदा है लेकिन बार बार इसका इस्तेमाल आपके लिवर की सेहत को बिगाड़ सकता है।एक वयस्क इंसान को एक खुराक में 1,000 मिलीग्राम से अधिक और प्रतिदिन 4,000 मिलीग्राम से ज्यादा Paracetamol का सेवन नहीं करना चाहिए। जिन दवाओं को अयोग्य ठहराया गया है ये दवाएं सबसे ज्यादा इस्तेमाल होती हैं लेकिन ये दवाएं ही क्वालिटी में खराब है जिससे आपकी सेहत खतरे में पड़ रही है।
बीपी कंट्रोल करने की दवा मेटफॉर्मिन जिसका सेवन करोड़ों लोग देश में कर रहे हैं जब ये दवा ही बीपी कंट्रोल करने में नाकामयाब साबित हो रही है तो बीमारियों का जोखिम बढ़ना लाजमी है। इसी तरह ब्लड शुगर कंट्रोल करने की दवा शुगर को कंट्रोल करने के बजाएं आपकी बॉडी में ब्लड शुगर को नजरअंदाज कर रही है जिसका नतीजा बड़ी बीमारियों के रूप में सामने आ सकता है।