रात की सात से आठ घंटो की सुकून की नींद लेने के बाद इंसान एनर्जेटिक होकर बिस्तर से उठता है और पूरे जोश और ताकत के साथ अपने दिन के कामों की शुरुआत करता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो रात को सुकून की भरपूर नींद लेने के बाद सुबह जब बिस्तर से उठते हैं तो थके-थके उठते हैं। ये थकान उन्हें कभी-कभी नहीं बल्कि रोजाना होती है। रोज बिस्तर से उठते हैं कुछ काम निपटाने के बाद ही थका हुआ महसूस करते हैं।

हेल्थलाइन के मुताबिक बिस्तर से उठते ही थकान कई कारणों से हो सकती है,लेकिन सबसे ज्यादा नजरअंदाज किए जाने वाले कारणों में से एक पोषक तत्वों की कमी है। हमारी बॉडी को ठीक से काम करने के लिए विटामिन और खनिजों की आवश्यकता होती है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक बॉडी में कुछ पोषक तत्वों की कमी होने से बॉडी थकी हुई और कमजोर महसूस करती है। आइए जानते हैं कि सुबह-सुबह बॉडी में कमजोरी और थकान को दूर करने के लिए कौन-कौन से 5 कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।

आयरन की कमी से होती है बॉडी में कमजोरी

बॉडी में ऑक्सीजन सप्लाई का काम आयरन द्वारा किया जाता है। बॉडी में आयरन की कमी होने पर रेड ब्लड सेल्स आपकी मांसपेशियों और टिशू तक पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई नहीं कर पाते हैं, जिससे बॉडी में कमज़ोरी और थकान महसूस होती है। आयरन की कमी महिलाओं में अधिक आम है, खासकर पीरियड के दौरान महिलाओं को ये परेशानी ज्यादा होती है। एनीमिया एक कम आयरन पैदा करने वाली बीमारी है जिसकी वजह से थकावट, चक्कर आना और सांस की तकलीफ हो सकती है।

विटामिन डी की कमी होना

विटामिन डी एनर्जी को रेगुलेट करने और मूड को बैलेंस करने में अहम किरदार निभाता है। विटामिन डी की कमी के बिना बॉडी में कमजोरी और थकान रहती है। मूड स्विंग करता है। विटामिन डी डेफिशियेंसी सुस्ती, थकान,कमजोरी और उदासी का कारण बनती है। इसकी कमी से मांसपेशियों में कमजोरी और थकान होती है। विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए डाइट में फैटी फिश और फोर्टिफाइड दूध जैसे फूड्स का सेवन करें। सर्दी में खासतौर पर इस फूड का सेवन करें।

विटामिन बी12 की कमी से हो सकती है थकान

रेड ब्लड सेल्स प्रोडक्शन और नर्व फंक्शन ये सभी काम विटामिन बी 12 की वजह से संभव है। बॉडी में इस विटामिन की कमी होने पर मूड में बदलाव, याददाश्त से जुड़ी परेशानियां और थकावट हो सकती है। शाकाहारी लोगों को इस विटामिन की कमी का जोखिम खासतौर पर होता है। एनिमल फूड बी 12 का बेहतरीन स्रोत हैं। थकान, मस्तिष्क में धुंधलापन और हाथों और पैरों में झुनझुनी बी12 की कमी के संकेत हैं। कमी को पूरा करने के लिए अनाज, डेयरी प्रोडक्ट, अंडे खाकर इस कमी को पूरा किया जा सकता है।

मैग्नीशियम की कमी से भी बढ़ती है थकान

मैग्नीशियम एक खनिज है जो बॉडी के लिए बेहद अहम है इसीलिए इसे मास्टर खनिज कहा जाता है। ये एनर्जी का उत्पादन करने और मांसपेशियों का कार्य सुचारू रूप से करने में मदद करता है। बॉडी में इस खनिज के कम होने से शरीर में थकान, मिजाज़ में चिड़चिड़ापन और मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है। मैग्नीशियम की कमी होने से नींद में खलल पैदा होती है जिससे थकान और कमजोरी बढ़ती है। कमी को पूरा करने के लिए  बादाम, एवोकाडो और पत्तेदार साग का सेवन करें।

फोलेट की कमी से भी बढ़ती है थकान

फोलेट, जिसे विटामिन बी9 भी कहा जाता है जो DNA के उत्पादन और कोशिका वृद्धि के लिए जरूरी है। प्रेग्नेंसी में ये विटामिन खासतौर पर जरूरी है। ये विटामिन एनर्जी के स्तर को बनाए रखता है। फोलेट की कमी होने से थकान, एकाग्रता में कमी होना और चिड़चिड़ापन हो सकता है। इस परेशानी को दूर करने के लिए आप पत्तेदार सब्जियां, बीन्स और खट्टे फलों का सेवन करें।