कॉपर बोतल से पानी पीना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। लंबे समय से कॉपर बोतल से पानी पीने के फायदे बताए जाते रहे हैं। माना जाता है कि कॉपर यानी तांबा पानी को शुद्ध करता है, पाचन सुधारता है और शरीर को जरूरी मिनरल्स देता है, लेकिन हर किसी के लिए कॉपर बोतल का पानी पीना सही नहीं है। कुछ लोगों में कॉपर की ज्यादा मात्रा गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है। ऐसे में कुछ समस्या वाले लोगों को कॉपर बोतल से पानी पीने से बचना चाहिए और पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

किडनी रोग से पीड़ित लोग

किडनी की बीमारी वाले मरीजों को कॉपर बोतल से पानी पीने से खासतौर पर बचना चाहिए। किडनी शरीर से खनिज और ट्रेस एलिमेंट्स को बाहर निकालने का काम करती है, लेकिन किडनी रोग में कॉपर शरीर में जमा हो सकता है, जिससे किडनी की कार्यक्षमता और कमजोर हो सकती है। जर्नल ऑफ द अमेरिकन सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, क्रॉनिक किडनी डिजीज वाले मरीजों में जैसे-जैसे किडनी फंक्शन कम होता है, सीरम कॉपर लेवल बढ़ने लगता है। यह जमाव किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है और यूरेमिक टॉक्सिन की तरह काम कर सकता है। ऐसे मरीजों को ग्लास या BPA-फ्री प्लास्टिक बोतल का इस्तेमाल करना चाहिए और नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करानी चाहिए।

विल्सन डिजीज वाले लोग

विल्सन डिजीज एक जेनेटिक बीमारी है, जिसमें शरीर में कॉपर का नियमन सही तरह से नहीं हो पाता। इस स्थिति में कॉपर लिवर, दिमाग और अन्य अंगों में जमा होने लगता है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। विल्सन डिजीज वाले लोगों के लिए कॉपर बोतल का पानी पीना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि इससे शरीर में कॉपर की मात्रा और बढ़ सकती है। ऐसे मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर ही डाइट लेना चाहिए और कॉपर से बनी चीजों से पूरी तरह बचना चाहिए।

कॉपर एलर्जी या सेंसिटिविटी वाले लोग

कॉपर एलर्जी बहुत आम नहीं है, लेकिन कुछ लोग तांबे के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं। ऐसे लोगों को कॉपर बोतल से पानी पीने के बाद खुजली, रैशेज, स्किन इरिटेशन या पाचन संबंधी परेशानी हो सकती है। अगर, कॉपर बोतल का पानी पीने के बाद कोई एलर्जिक रिएक्शन दिखाई दे तो तुरंत इसका इस्तेमाल बंद करें।

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं

गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान महिलाओं को कॉपर की अतिरिक्त मात्रा से बचना चाहिए। थोड़ी मात्रा में कॉपर जरूरी है, लेकिन कॉपर बोतल का नियमित उपयोग बिना मेडिकल गाइडेंस के कॉपर लेवल बढ़ा सकता है, जो मां और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है।

बच्चे और शिशु

छोटे बच्चों और शिशुओं का शरीर अभी विकास के दौर में होता है और उनका मेटाबॉलिज्म कॉपर को उतनी तेजी से प्रोसेस नहीं कर पाता। ज्यादा कॉपर का सेवन बच्चों में कॉपर टॉक्सिसिटी का कारण बन सकता है, जिससे उल्टी, पेट दर्द, मतली और गंभीर मामलों में लिवर डैमेज हो सकता है। इसलिए शिशुओं और छोटे बच्चों को कॉपर बोतल का पानी न पिलाएं।

वहीं, फिटनेस ट्रेनर नवनीत रामप्रसाद के अनुसार, सिर्फ लंबी वॉक करना 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को मजबूत बनाने के बजाय और भी कमजोर कर सकता है।