कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना एक ऐसी परेशानी है जो नई जनरेशन में तेजी से पनप रही है। हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। भारत में हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे दिल के रोगों का खतरा बढ़ रहा है। कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि 31% भारतीयों में हाई कोलेस्ट्रॉल है। भारत में केरल (63%), कर्नाटक (32%) और तेलंगाना (27%) में कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित लोगों की संख्या ज्यादा है। शहरी लोगों में ये परेशानी ज्यादा है।
हाई कोलेस्ट्रॉल के प्रमुख कारणों की बात करें तो इसके लिए आनुवंशिकी, अनहेल्दी डाइट, बॉडी एक्टिविटी में कमी और तनाव जिम्मेदार है। ये समस्या युवाओं में तेजी से पनप रही है जिससे युवाओं में कम उम्र मे ही हार्ट अटैक का खतरा बढ़ रहा है। कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए हेल्दी डाइट का सेवन करना, बॉडी को एक्टिव रखना, तनाव को कंट्रोल करना और समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराना जरूरी है।
कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने पर बॉडी में उसके लक्षण दिखने लगते हैं जैसे दिल से संबंधित समस्याएं, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ होना,दिल का दौरा पड़ सकता है। स्किन और आंखों में बदलाव भी कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का लक्षण हैं। कोलेस्ट्रॉल के प्रति सचेत रहना जरूरी है। बॉडी में कोलेस्ट्रॉल हाई होने के जिस तरह संकेत दिखते हैं उसी तरह कोलेस्ट्रॉल नॉर्मल रहने के भी बॉडी संकेत देती है। आइए जानते हैं कि बॉडी में LDL और HDL कोलेस्ट्रॉल का नॉर्मल स्तर होने पर कौन-कौन से लक्षण दिखते हैं।
कोलेस्ट्रॉल टेस्ट की रिपोर्ट
अगर आप कोलेस्ट्रॉल की नॉर्मल रेंज का पता लगाना चाहते हैं तो ब्लड टेस्ट कराएं। अगर टेस्ट रिपोर्ट में खराब कोलेस्ट्रॉल 100 mg/dL से कम हो तो नॉर्मल होता है। गुड कोलेस्ट्रॉल 60 mg/dL या इससे अधिक हो तब इसे नॉर्मल माना जाता है।
नॉर्मल ब्लड प्रेशर
क्या आपकी आर्टिरीज क्लीन है? एक्सपर्ट के मुताबिक हेल्दी आर्टिरीज सुचारू रक्त प्रवाह में प्रमुख योगदान दे सकती हैं जिससे ब्लड प्रेशर नॉर्मल हो सकता है। जब आपका सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (upper number) 120 mmHg से नीचे हैं और डायस्टोलिक (lower number) 80 mmHg से नीचे है तो समझ जाएं कि आपका बीपी नॉर्मल है। आपका बीपी नॉर्मल है तो आपका कोलेस्ट्रॉल भी कंट्रोल रहेगा।
हाई एनर्जी लेवल
क्लीन आर्टिरीज आपके दिल की सेहत के दुरुस्त रहने का प्रमाण हैं। दिल ही हमारी बॉडी में ऑक्सीजन युक्त ब्लड को कुशलतापूर्वक पंप करता है। जिससे बॉडी को बेहतर एनर्जी मिलती है और स्टेमिना इंप्रूव होता है।
कभी भी सीने में दर्द या बेचैनी नहीं होना
अगर आपकी नसों में गंदा कोलेस्ट्रॉल जमा नहीं हुआ है तो आपकी बॉडी उसका साफ संकेत देगी। बॉडी में कोलेस्ट्रॉल नॉर्मल रहता है तो कभी भी चेस्ट में पेन नहीं होता और घबराहट महसूस नहीं होती। सिर दर्द नहीं होना भी संकेत है कि आपकी नसों में गंदा कोलेस्ट्रॉल नहीं जमा हुआ है।
आराम के दौरान हार्ट रेट नॉर्मल होना
रिसर्च के मुताबिक अधिकांश वयस्कों के लिए प्रति मिनट में 60 से 100 बीट सुरक्षित माना जाता है। अगर एक्सरसाइज के बाद आपकी हार्ट बीट इस रेंज में रहती है तो साफ संकेत है कि आपकी कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ दुरुस्त है।
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