डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो इस वक्त दुनिभर के लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है। इस गंभीर बीमारी से पीड़ितों की संख्या में लगातार उछाल देखने को मिल रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में इस समय 10 करोड़ से अधिक लोग मधुमेह से पीड़ित हैं, जबकि करीब 14 करोड़ लोग प्री-डायबेटिक हैं। इससे से बड़ी परेशानी की बात यह है कि फिलहाल इस बीमारी का कोई इलाज भी नहीं है। ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट्स डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए दवाओं से अलग लाइफस्टाइल और खानपान में कुछ हेल्दी बदलाव करने की सलाह देते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर आप अपनी डाइट में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड को शामिल करते हैं, तो इनकी मदद से मधुमेह को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।

बता दें कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों में ब्लड में शुगर की मात्रा अनकंट्रोल तरीके से बढ़ने लगती है। वहीं, GI इंडेक्स इस बात का माप है कि कोई भोजन हमारे ब्लड शुगर लेवल को कितनी जल्दी बढ़ाता है। मतलब हम जो भोजन करते हैं, उससे दो से तीन घंटे बाद रक्त में ग्लूकोज की मात्रा जितनी भी बढ़ती है उसे ग्लाइसेमिक इंडेक्स कहते हैं। ऐसे में कम GI इंडेक्स वाले फूड खून में शुगर की मात्रा को अधिक बढ़ने नहीं देते हैं। इसी कड़ी में इस लेख में हम आपको 5 ऐसे सुपरफूड्स बताने जा रहे हैं जिनका सेवन नेचुरल तरीके से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में असरदार साबित हो सकता है।

सफेद छोले

एक रिसर्च में पाया गया है कि सफेद छोले (काबुली चने ) GI इंडेक्स में काफी पीछे हैं, यानी इन्हें खाने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ता नहीं है। ऐसे में ये डायबिटीज से बचाने का काम करते हैं। छोलों में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जिसके चलते व्यक्ति को जल्दी-जल्दी भूख नहीं लगती है। ऐसे में कैलोरी इनटेक कम होता है और इस तरह भी ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। इसके अलावा सफेद छोलों में पाया जाने वाला स्टार्च भी शुगर लेवल को एक सीमा से ज्यादा बढ़ने नहीं देता है, इससे उसे पचाने में आसानी हो जाती है और ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।

चेरी

चेरी का जीआई स्कोर भी मात्र 20 है। साथ ही इसमें भी भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो भूख को कंट्रोल करने का काम करता है। इसके अलावा चेरी में विटामिन सी, पोटेशियम, एंटीऑक्सीडेंट अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। ऐसे में ये डायबिटीज से अलग कई और बीमारियों पर भी असरदार है।

सेब

सेब का जीआई इंडेक्स 39 है, ऐसे में ये भी कम GI के वर्ग में आता है। इस फल में इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने की क्षमता होती है, जिससे ब्लड शुगर संतुलित रहता है। साथ ही सेब में क्वेरसेटिन और फ्लोरिजन भी होते हैं, जो शरीर में डायबिटीज के खतरे को कम करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा इस फल में मौजूद प्लांट बेस्ड पॉलीफेनॉल्स, कार्ब्स को कम कर डायबिटीज के स्तर को कम करने में मददगार होते हैं।

मूली

मूली में बायोएक्टिव यौगिक पाए जाते हैं जो एडिपोनेक्टिन नामक हार्मोन को कंट्रोल करने का काम करते हैं। बता दें कि ये हार्मोन शुगर के लेवल को अनियमित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। ऐसे में मूली में मौजूद पोषक तत्व डायबिटीज को कंट्रोल करने में असरदार साबित हो सकते हैं।

ज्वार की रोटी

लो जीआई इंडेक्स होने के कारण जिन लोगों को हाई ब्लड शुगर की परेशानी का सामना करना पड़ता है, उनके लिए ज्वार की रोटी वरदान साबित हो सकती है। दरअसल, ज्वार की रोटी में डायट्री फाइबर, मैग्नीशियम, प्रोटीन पाया जाता है जो ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखता है। साथ ही ज्वार में ग्लूटन बिल्कुल भी नहीं होता। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स के कारण यह एक अच्छा अनाज माना जाता है। इसके अलावा हाई फेनोलिक कॉन्टेंट होने के चलते ये डायबिटीज के मरीजों के लिए अधिक फायदेमंद हो जाता है।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।