हमारा शरीर जब किसी बीमारी से जूझ रहा होता है, तो वह कई तरीकों से संकेत देता है। इनमें से एक पैरों में बदलाव भी शामिल है। पैर न केवल शरीर का भार संभालते हैं, बल्कि ये हमारी सेहत की झलक भी दिखाते हैं। जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। अध्ययनों के मुताबिक, पैरों में महसूस होने वाले बदलाव जैसे सुन्नपन, सूजन, रंग परिवर्तन या ठंडापन, कई गंभीर बीमारियों जैसे डायबिटीज और हार्ट रोग के शुरुआती संकेत हो सकते हैं।

जर्नल ऑफ डायबिटीज एंड मेटाबोलिक डिसऑर्डर में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, डायबिटिक फुट अल्सर खराब ब्लड सर्कुलेशन और नर्व डैमेज की ओर इशारा करता है, जो हार्ट रोग के बढ़े हुए खतरे से जुड़ा होता है। वहीं, सर्कुलेशन (2022) में प्रकाशित रिसर्च बताती है कि पैरों का असामान्य तापमान, त्वचा का रंग बदलना या सूजन आना सूजन परिधीय धमनी (Peripheral Artery Disease) का लक्षण हो सकता है, जो दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसी स्थितियों से जुड़ा है।

पैरों में सुन्नपन और झुनझुनी

अगर, पैरों या अंगूठों में लगातार सुन्नपन या झुनझुनी महसूस होती है, तो यह डायबिटिक न्यूरोपैथी या नसों की क्षति का संकेत हो सकता है। यह स्थिति आमतौर पर अनियंत्रित डायबिटीज में देखी जाती है, लेकिन यह नस दबने या न्यूरोलॉजिकल समस्याओं की वजह से भी हो सकती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इसकी समय पर पहचान बहुत जरूरी है, क्योंकि नसों की क्षति पैरों में चोट, संक्रमण और घावों का कारण बन सकती है, जो बाद में गंभीर रूप ले सकते हैं।

पैरों में सूजन या दर्द

पैरों में लगातार सूजन, दर्द या भारीपन महसूस हो रहा है, तो यह दिल से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है। अक्सर यह हार्ट फेल्योर या परिधीय रक्त वाहिका रोग से जुड़ा होता है। डॉक्टरों के मुताबिक, इस तरह की सूजन आमतौर पर चलने-फिरने पर बढ़ती है और आराम करने पर कम हो जाती है। अगर लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।

त्वचा का रंग बदलना या घाव न भरना

पैरों की त्वचा सूखी, फटी हुई या रंग बदली हुई दिखे या घाव लंबे समय तक न भरें, तो यह ब्लड सर्कुलेशन खराब होने या संक्रमण का संकेत हो सकता है। डायबिटीज के मरीजों में यह स्थिति बेहद गंभीर हो सकती है, क्योंकि फुट अल्सर आगे चलकर इंफेक्शन या अंग विच्छेदन तक पहुंच सकता है।

पैरों का ठंडा पड़ना

अगर, आपके पैर हमेशा ठंडे रहते हैं या उनमें नीलापन या लालिमा दिखाई देती है, तो यह Peripheral Artery Disease का संकेत हो सकता है। यह स्थिति ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट के कारण होती है और इससे दिल के दौरे या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। 2022 के सर्कुलेशन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, PAD के रोगियों में हार्ट संबंधी घटनाओं का खतरा दो गुना तक बढ़ जाता है।

पैरों के आकार या नाखूनों में बदलाव

पैरों का आकार बदल रहा है, जैसे बनियन, हैमर टो या मोटे, फंगल नाखून दिख रहे हैं, तो यह संरचनात्मक या संक्रमण संबंधी समस्या का संकेत हो सकता है। कई बार यह बदलाव रुमेटॉयड आर्थराइटिस जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों से भी जुड़े होते हैं। समय पर पहचान और इलाज से दर्द और चलने-फिरने में दिक्कत से बचा जा सकता है।

इसके अलावा सुबह उठते ही कुछ लक्षण दिखाई देने पर भी हार्ट अटैक और स्ट्रोक की संभावना अधिक हो जाती है, इन साइन को भी इग्नोर करना आपके लिए भारी पड़ सकता है।