हमारा शरीर जब किसी बीमारी से जूझ रहा होता है, तो वह हमें पहले ही कई संकेत देने लगता है। लेकिन अक्सर हम उन संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं। पैरों में होने वाले बदलाव भी ऐसे ही अहम संकेत हैं, जिन्हें लोग आमतौर पर गंभीरता से नहीं लेते। जबकि मेडिकल रिसर्च बताती है कि पैरों में दिखने वाले छोटे-छोटे बदलाव डायबिटीज, हार्ट रोग और ब्लड सर्कुलेशन से जुड़ी बीमारियों का शुरुआती इशारा हो सकते हैं।
डायबिटीज मरीजों में पैरों से जुड़ी समस्याएं सिर्फ स्थानीय परेशानी नहीं होतीं, बल्कि ये दिल की सेहत के लिए भी खतरे की घंटी हो सकती हैं। जर्नल ऑफ डायबिटीज एंड मेटाबोलिक डिसऑर्डर में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, डायबिटिक फुट अल्सर, पैरों का असामान्य तापमान, त्वचा के रंग में बदलाव या सूजन जैसी समस्याएं खराब ब्लड सर्कुलेशन और नर्व डैमेज की ओर इशारा करती हैं, जो आगे चलकर हार्ट अटैक और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
पैरों में सुन्नपन और झुनझुनी: डायबिटीज का इशारा
अगर आपको पैरों या अंगूठों में बार-बार सुन्नपन, झुनझुनी या जलन महसूस होती है, तो यह डायबिटिक न्यूरोपैथी का संकेत हो सकता है। यह समस्या आमतौर पर लंबे समय से अनियंत्रित डायबिटीज में देखने को मिलती है। इस स्थिति में नसें धीरे-धीरे कमजोर हो जाती हैं, जिससे दर्द और संवेदना कम हो जाती है। डॉक्टरों के अनुसार, समय पर इलाज न होने पर पैरों में चोट लगने या घाव बनने का खतरा बढ़ जाता है, जो आगे चलकर गंभीर संक्रमण का रूप ले सकता है।
पैरों में सूजन या दर्द: दिल की परेशानी का संकेत
अगर आपके पैरों में लगातार सूजन रहती है, दर्द होता है या भारीपन महसूस होता है, तो यह दिल से जुड़ी समस्या हो सकती है। हार्ट फेल्योर या परिधीय रक्त वाहिका रोग (Peripheral Vascular Disease) में पैरों में सूजन आम लक्षण है। कई बार यह सूजन चलने-फिरने पर बढ़ जाती है और आराम करने पर थोड़ी कम होती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी रहे, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए।
त्वचा का रंग बदलना या घाव न भरना
पैरों की त्वचा अगर बहुत ज्यादा सूखी हो जाए, फटने लगे, काली या नीली दिखने लगे, या कोई घाव लंबे समय तक न भरे तो इसे हल्के में न लें। यह खराब ब्लड सर्कुलेशन या संक्रमण का संकेत हो सकता है। डायबिटीज के मरीजों में यह स्थिति बेहद खतरनाक हो सकती है। रिसर्च के मुताबिक, डायबिटिक फुट अल्सर आगे चलकर गंभीर इंफेक्शन और यहां तक कि अंग काटने की नौबत भी ला सकता है।
पैरों का ठंडा पड़ना: ब्लड सर्कुलेशन की दिक्कत
अगर आपके पैर अक्सर ठंडे रहते हैं, उनमें नीलापन या लालिमा दिखाई देती है, तो यह Peripheral Artery Disease (PAD) का लक्षण हो सकता है। यह बीमारी तब होती है जब पैरों तक जाने वाली धमनियों में ब्लॉकेज आ जाता है। 2022 में सर्कुलेशन जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, PAD से पीड़ित लोगों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में दोगुना तक बढ़ सकता है।
पैरों के आकार या नाखूनों में बदलाव: अंदरूनी बीमारी का संकेत
अगर पैरों का आकार बदलने लगे, जैसे अंगूठे का टेढ़ा होना (बनियन), उंगलियों का मुड़ना (हैमर टो) या नाखूनों का मोटा और फंगल हो जाना तो यह सिर्फ बाहरी समस्या नहीं है। कई बार ये बदलाव रुमेटॉयड आर्थराइटिस जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों या लंबे समय से चली आ रही डायबिटीज से जुड़े होते हैं। समय पर पहचान और इलाज से दर्द और चलने-फिरने की परेशानी से बचा जा सकता है।
क्या करें और कब डॉक्टर से मिलें?
अगर पैरों में सुन्नपन, सूजन, रंग परिवर्तन, ठंडापन या घाव न भरने जैसी समस्याएं लंबे समय तक बनी रहें, तो देरी न करें। ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और हार्ट की नियमित जांच कराते रहें। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पैरों की सही देखभाल से कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।
निष्कर्ष
इस बात का ध्यान रखें कि पैरों में दिखने वाला बदलाव, सेहत की बड़ी चेतावनी हो सकता है। समय रहते सतर्क हो जाएं, क्योंकि छोटी लापरवाही बड़ी बीमारी बन सकती है।
डिस्क्लेमर
यह स्टोरी सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार की गई है। किसी भी तरह के स्वास्थ्य संबंधी बदलाव या डाइट में परिवर्तन करने से पहले अपने डॉक्टर या योग्य हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
