क्या आप रात में बार-बार पेशाब आने की समस्या से परेशान हैं? अगर आपको रात में बार-बार टॉयलेट जाना पड़ता है, तो सिर्फ उम्र नहीं, बल्कि आपका लाइफस्टाइल और खानपान इसका बड़ा कारण हो सकता है। रात में पेशाब की समस्या कई कारणों से होती है जैसे पानी पीने का गलत समय, दिनभर पर्याप्त पानी न पीना, कैफीन और अल्कोहल का सेवन और कुछ दवाओं का सेवन करने से बार-बार पेशाब आने की परेशानी हो सकती है। कुछ आदतें आपकी रात की नींद में रुकावट पैदा कर सकती हैं, जिससे सुबह थकान, सुस्ती और ध्यान कम रहने जैसी परेशानियां हो सकती हैं।

बुलंदशहर उत्तर प्रदेश में ब्लॉक स्तरीय अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी आयुष के डॉ. अशोक कुमार सिंह ने बताया आधुनिक विज्ञान और आयुर्वेदिक ज्ञान दोनों के मुताबिक 70% पानी पीने की आदत आपकी दिनचर्या में शामिल होनी चाहिए, ताकि रात में पेशाब की समस्या दूर हो। यह तरीका आपकी किडनी को दिन में सक्रिय और रात में आराम करने का पूरा मौका देता है।

50–55 साल के बाद शरीर रात में पेशाब को पहले जैसा नियंत्रित नहीं कर पाता। इसका कारण वैसोप्रेसिन नामक हार्मोन का स्तर घट जाना है। हमारी किडनी धीमी हो जाती है और ब्लैडर संवेदनशील हो जाता है। अधिकतर लोग या तो पानी पीना कम कर देते हैं या नींद की गोलियों पर निर्भर हो जाते हैं। यह समस्या केवल रात में नींद तोड़ती नहीं है, बल्कि धीरे-धीरे किडनी, खून और मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचा सकती है। आइए जानते हैं कि रात में बार बार पेशाब आने के लिए कौन-कौन सी गलतियां जिम्मेदार हैं। 

गलती-1 रात में बार-बार पेशाब आने की आम गलतियां

शाम 6–7 बजे के बाद ज्यादा पानी पीना।

रात में ज्यादा पानी पीने से शरीर डिटॉक्स होगा, लेकिन किडनी धीरे-धीरे आराम की तैयारी में होती है। ज्यादा पानी पीने से ब्लैडर भर जाता है और नींद टूटती है।

गलती 2: शाम को पानी से भरपूर पेय पदार्थ या सलाद लेना।

मसाला चाय, हल्दी वाला दूध, पतला सूप, खीरा, तरबूज आदि शरीर में अतिरिक्त पानी पहुंचा देते हैं जिससे रात में नींद बार-बार टूटती है।

गलती 3: दिन भर पानी पीना भूलना और शाम को एक साथ बहुत पानी पीना।

दिन भर पानी पीना भूलना और शाम को एक साथ बहुत पानी पीने से ब्लैडर पर अचानक दबाव पड़ता है और नींद टूटती है।

गलती 4: सोने से पहले पेशाब करना।

सोने से पहले पूरा ब्लैडर भरा नहीं होता, लेकिन पेशाब करने से ब्लैडर के नर्व्स फॉल्स सिग्नल भेजते हैं। परिणामस्वरूप रात में नींद टूटती है।

गलती 5: पानी पीने का गलत समय और तरीका।

50–55 साल के बाद शरीर का साइकल बदल जाता है। दिन में किडनी ज्यादा सक्रिय रहती है और पानी फिल्टर करना आसान होता है। शाम 6–7 बजे के बाद केवल छोटे-छोटे घूंट ही लें।

पानी कब और कैसे पीना चाहिए?

दिन में कुल पानी का 70% दोपहर और शाम 3 बजे तक पीना चाहिए। शाम 3 से 5 बजे तक धीरे-धीरे पानी पीना चाहिए। शाम 6–7 बजे के बाद केवल जब प्यास लगे तब छोटे-छोटे घूंट लें। सुबह उठकर एक गिलास गुनगुना पानी पीना चाहिए, जिससे रात भर की पानी की कमी पूरी हो सके। दिनभर छोटे-छोटे हिस्सों में पानी पीते रहें। यदि कोई दवा लेनी हो तो उसके साथ पर्याप्त पानी लें, पूरा गिलास भरना जरूरी नहीं। इस तरीके से आपकी किडनी दिन में पानी को आराम से प्रोसेस कर सकती है, ब्लैडर रात में शांत रहता है और नींद गहरी और शांत आती है। नियमित पालन से ब्लड प्रेशर और याददाश्त भी बेहतर रहती है। नियमित व्यायाम और हल्की फिजिकल एक्टिविटी ब्लैडर और किडनी को स्वस्थ रखती है।

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