आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में कम उम्र में बहुत सी स्वास्थ्य संबंधी समस्या आम हो गई है। खराब खानपान और लाइफस्टाइल के चलते सेहत पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा, जो कम के लोगों को भी प्रभावित कर रहा है। जीरो साइंस पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, हमारे डेली रूटीन की एक्टिविटी हमारे जीवन को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, लेकिन कुछ जेनेटिक चीजें भी सेहत को प्रभावित कर सकती हैं, लेकिन अपने लाइफस्टाइल में कुछ आदतों को शामिल करने से जेनेटिक चीजों से बचाव के साथ-साथ बुढ़ापे को भी हेल्दी बनाया जा सकता है।
दरअसल, हर कोई बुढ़ापे में शांतिपूर्वक और हेल्दी रहते हुए अपनी जीवन बिताना चाहता है, लेकिन ऐसा सिर्फ सोचना ही पर्याप्त नहीं है। इसके लिए छोटे-छोटे व्यायाम, स्वास्थ्य और आहार का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। ये आदतें आपको एक निश्चित उम्र तक पहुंचने के बाद भी किसी और पर निर्भर हुए बिना, स्वतंत्र रूप से जीने में सक्षम बनाएंगी। दुनिया भर में 100 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों पर अध्ययन करने वाले शोधकर्ताओं ने बुढ़ापे में भी हेल्दी और फिट रहने के लिए के कुछ टिप्स बताई हैं।
ज्यादा नमक खाने से बचें
यह कहने की आवश्यकता नहीं कि अच्छी हेल्थ में खानपान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कम नमक खाने से जीवन की गुणवत्ता बेहतर होती है और अत्यधिक नमक का सेवन समय से पहले बुढ़ापे का एक मुख्य कारण है। कई अध्ययनों से पता चला है कि ज्यादा नमक खाने से शरीर पर असर पड़ता है और इससे हड्डियां भी कमजोर होती हैं।
नींद का खास ध्यान रखना
कुछ लोग चाहे कितनी भी कोशिश कर लें, वे सो नहीं पाते। लेकिन, विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग लंबे समय तक जीना चाहते हैं, उन्हें नींद की समस्या से छुटकारा पाना चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग अनिद्रा से पीड़ित होते हैं, उनमें बुढ़ापे के लक्षण जल्दी दिखने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति तभी स्वस्थ रह सकता है जब वह प्रतिदिन कम से कम 8 से 9 घंटे की अच्छी नींद ले।
अधिक दवाओं के सेवन से बचें
जो लोग दर्द या सर्दी जैसी छोटी-मोटी समस्याओं के लिए भी तुरंत दवा ले लेते हैं, उनमें भी बुढ़ापे के लक्षण जल्दी विकसित होने की संभावना अधिक होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि जितना संभव हो उतना कम दवाइयां लें। दवाओं का प्रयोग कम करने से स्वाभाविक रूप से शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ जाएगी और बीमारियों से बचाव होता है।
लाइफस्टाइल में बदलाव
शहरी क्षेत्रों के लाइफस्टाइल की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों का लाइफस्टाइल ज्यादा अच्छा होता है। रिसर्च से पता चला है कि ग्रामीण लाइफस्टाइल लंबी उम्र में महत्वपूर्ण योगदान देती है। शोध से पता चला है कि पैदल चलने और प्रकृति में अधिक समय बिताने से जीवन बढ़ने की संभावना भी बढ़ जाती है।
वजन कंट्रोल में रखना
सालों-साल हेल्दी और फिट रहने के लिए वजन कंट्रोल में रखना बहुत ही आवश्यक है। चर्बी बढ़ने से शरीर समय से पहले बूढ़ा हो जाता है और बीमारियां होने लगती हैं। शाकाहारी भोजन खाना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मांस आधारित भोजन के बराबर शक्ति प्रदान करता है। इसके अलावा कम कैलोरी वाला भोजन भी खाना चाहिए। इससे वजन कंट्रोल में रहता है।
फिजिकल एक्टिविटी और एक्सरसाइज
हेल्दी और फिट रहने के लिए फिजिकल एक्टिविटी और नियमित रूप से एक्सरसाइज बहुत ही आवश्यक है। डेली रूटीन में एक्सरसाइज करने से शरीर एक्टिव और मांसपेशियां मजबूत होती है। ऐसा करने से बीमारियों से बचाव होता है और शरीर मजबूत बनता है।
इसके अलावा योग गुरु और टीवी पर्सनालिटी डॉक्टर हंसा योगेंद्र ने बताया कि आंतों और पेट को हेल्दी रखने के लिए दही और छाछ, प्याज और लहसुन, साबुत अनाज और हरी सब्जियों का सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है।