आजकल खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के चलते हार्ट से संबंधी समस्याएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। जिसके चलते हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोक होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। दरअसल, ब्लड प्रेशर बढ़ जाने पर हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर और स्ट्रोक सहित दिल से जुड़ी कई जानलेवा बीमारियों का खतरा भी अधिक बढ़ जाता है, लेकिन आप बिल्कुल फिट हैं, ब्लड प्रेशर और शुगर भी कंट्रोल में है तो भी हार्ट अटैक आ सकता है। मणिपाल हॉस्पिटल, बेंगलुरु, एचओडी और कंसल्टेंट, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, डॉ. रंजन शेट्टी ने बताया कि हार्ट अटैक आने के एक-दो कारण नहीं होते, बल्कि कई कारणों से हार्ट अटैक आ सकता है।
दरअसल, एक 32 साल के युवक को हार्ट अटैक आ गया, जबकि वह खाने के समय का ध्यान रखता था, अपने वर्कआउट के बारे में खास ध्यान रखता था, उसकी सालाना स्क्रीनिंग टेस्ट में ब्लड प्रेशर या शुगर की कोई समस्या नहीं थी, उसका कोई पारिवारिक इतिहास नहीं था, वह सात घंटे सोता था और डेडलाइन को पूरा करने के लिए आधी रात तक काम नहीं करता था। तो काम के बीच में उसे दिल का दौरा क्यों पड़ा?
युवक को अपने कॉलरबोन के पास तेज दर्द और दांत दर्द की शिकायत थी। वह पहले भी अपने कंधे पर चोट लगवा चुका था, इसलिए उसने सोचा कि यह एक नियमित दर्द है जो उसके वर्कआउट सेशन के बाद फिर से उभर आता है, लेकिन जब उसे असामान्य बेचैनी और पसीना महसूस हुआ। इसके बाद युवक ने इलाज करवा, फिर पता चला की वह धूम्रपान करता है पर हल्का धूम्रपान करता है, इसलिए उसने खुद को दिन में चार या छह सिगरेट तक सीमित कर लिया। यहां तक कि दिन में चार सिगरेट पीने से भी दिल का दौरा पड़ने का खतरा 11 प्रतिशत बढ़ जाता है। जिसके चलते ही युवक को हार्ट अटैक आया।
सिगरेट पीने से हार्ट अटैक का खतरा अधिक
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप एक सिगरेट पीते हैं या दस, हर सिगरेट एक जोखिम कारक है। धूम्रपान खुराक-विशिष्ट नहीं है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि धूम्रपान करने वालों को धूम्रपान न करने वालों की तुलना में दिल का दौरा पड़ने की अधिक संभावना थी, भले ही उनमें हृदय रोग की कोई स्थिति न हो। शोध से पता चला कि धूम्रपान करने वालों को धूम्रपान न करने वालों की तुलना में पांच साल पहले हार्ट संबंधी बीमारी भी होती है, जिसके कारण उनकी लाइफ काफी कम हो जाता है। यहां तक कि थोड़े समय के लिए धूम्रपान करने से धमनियों में प्लाक का निर्माण तेज हो जाता है, जिससे वे संकरी हो जाती हैं और ब्लड फ्लो बाधित हो जाता है।
धूम्रपान से दिल का दौरा कैसे पड़ता है?
धूम्रपान से खून की चिपचिपाहट बढ़ जाती है और थक्का बनाने वाले कारकों का स्तर बढ़ जाता है, जिससे खून के थक्के बनने की संभावना बढ़ जाती है, जो धमनियों को अवरुद्ध कर सकते हैं और दिल का दौरा पड़ने का कारण बन सकते हैं। निकोटीन एड्रेनालाईन के स्राव को उत्तेजित करता है, जिससे हार्ट गति और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। हृदय वाहिका प्रणाली पर यह निरंतर तनाव हार्ट को रक्त को अधिक जोर से पंप करने के लिए मजबूर कर सकता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और धमनियों की परत घिस जाती है।
सिगरेट के धुएं में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड रक्त की ऑक्सीजन-वहन क्षमता को कम कर देता है, जिससे हार्ट को शरीर की ऑक्सीजन की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। अब भले ही आपकी धमनियों में प्लाक का बहुत ज्यादा जमाव न हुआ हो, लेकिन दिल की धमनियों के कमजोर होने से दीवारों से प्लाक का छोटा सा हिस्सा भी निकल सकता है। प्लाक के फटने की वजह से धमनी की दीवार में होने वाले फटने का मतलब है कि रक्त वहां पहुंचकर थक्का बनाता है, जो कि हटाए गए प्लाक के ऊपर जमा होने के साथ-साथ बड़ा होता जाता है। इससे दिल का दौरा पड़ता है।
वहीं, एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ. बिमल झाजर ने बताया अगर आपका कोलेस्ट्रॉल हाई है तो आप एनिमल फूड्स का सेवन करने से परहेज करें।