यूपी के गोरखपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक लड़का अपना ईयरफोन शेयर करने के कराण बहरेपन का शिकार हो गया। यह बात सुनने में अजीब लग सकती है, लेकिन लड़के की जांच कर रहे डॉक्टर्स ने खुद इस बात की पुष्टि की है। डॉक्टर्स के मुताबिक, ईयरफोन शेयर करने से 18 वर्षीय लड़के के कानों में इंफेक्शन हुआ और धीरे-धीरे उसे कुछ भी सुनाई देना बंद हो गया। समस्या बढ़ने पर परिजन लड़के को अस्पताल लेकर गए जहां उसकी दो सर्जरी की गईं। हालांकि, कोई फायदा नहीं हुआ। बाद में पीड़ित दिल्ली पहुंचा, यहां डॉक्टर्स ने जांच के बाद 18 वर्षीय की गंभीरता को देखते हुए इंप्लांट लगाकर उसकी सामान्य सुनने की क्षमता बहाल किया है। आइए जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में-

कैसे हुई ऐसी हालत?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़ित लड़का दिन में 8 से 10 घंटे तक ईयरफोन का इस्तेमाल किया करता था। ऐसे में शुरुआत में उसे कानों में दर्द होने की समस्या का सामना करना पड़ा। वहीं, पीड़ित अपने दोस्तों के साथ भी इस ईयरफोन को शेयर किया करता था, जिसके चलते समस्या अधिक बढ़ गई। लड़के की जांच कर रहे डॉक्टर्स की मानें तो ईयरफोन शेयर करने से पीड़ित के कानों में इन्फेक्शन हो गया। हालांकि, इसके बाद भी उसने इसे लगाना जारी रखा। ईयरफोन लगाते ही लड़के के कान बंद हो जाते थे, इससे कान में बैक्टीरिया को बढ़ाने में और मदद मिली। थोड़े समय के बाद पीड़ित के कान से डिस्चार्ज होने लगा और तब उसने डॉक्टर के पास जाने का फैसला किया। खबरों की मानें तो लड़के के इलाज में लगभग डेढ़ लाख रुपये का खर्च आया है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कान के अंदर एक पर्दा मौजूद होता है जिसे ईयर ड्रम कहा जाता है। वहीं, जब कोई शख्स अधिक समय तक ईयरफोन या हेडफोन का इस्तेमाल करता है या तेज आवाज में गाने सुनता है, तो ये आवाज और उसकी कम्पन दवाब के साथ ईयर ड्रम से टकराती है, जिससे कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के एक अनुमान के मुताबिक, हेडफोन या ईयरफोन के ज्यादा इस्तेमाल के चलते दुनिया भर में लगभग 100 करोड़ युवाओं की सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।

कितनी देर ईयरफोन लगाना है सुरक्षित?

जाहिर है ऊपर दी गई जानकारी को पढ़ने के बाद कई लोगों के मन में यह सवाल भी जरूर आया होगा कि आखिर किसी भी व्यक्ति के लिए कितनी देर तक ईयरफोन का इस्तेमाल करना ठीक होता है। ऐसे में बता दें कि एक स्टडी के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति दो घंटे से ज्यादा समय के लिए 90 डेसिबल से अधिक आवाज में गाने सुनता है, तो वो बहरेपन का शिकार होने के साथ-साथ कई बीमारियों की चपेट में आ सकता है। स्टडी में बताया गया है कि कानों की सुनने की क्षमता मात्र 90 डेसिबल होती है, जो लगातार तेज शोर या गाने सुनने से समय के साथ 40 से 50 डेसिबल तक कम हो जाती है। इससे व्यक्ति कम उम्र में भी दूर से सुनने की शक्ति को पूरी तरह से खो सकता है।

इतना ही नहीं, तेज आवाज में गाने सुनने का आपके दिल पर भी सीधा असर पड़ता है। रिसर्च में दावा किया गया है कि तेज अवाज में गाने सुनने से हार्ट बीट तेज हो जाती है। ऐसे में आपका हर्ट नार्मल स्पीड के मुकाबले अधिक तेजी से धड़कता है, जिसकी चलते दिल को नुकसान पहुंच सकता है। साथ ही ईयरफोन से निकलने वाली विद्युत चुंबकीय तरंगों की वजह से व्यक्ति के दिमाग पर भी बुरा असर पड़ता है।