सर्दी का मौसम आ रहा है। इस मौसम में बॉडी को स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए और इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग करने के लिए कुछ हेल्दी फूड्स का सेवन करना जरूरी होता है। इस मौसम में बॉडी को गर्म रखने के लिए गर्म तासीर के फूड्स का सेवन करने पर जोर दिया जाता है। अक्सर लोग सर्दी में ठंड से बचाव करने के लिए कुछ ड्राईफ्रूट्स का सेवन करते हैं। ड्राईफ्रूट्स में भी पिस्ता एक ऐसा ड्राईफ्रूट है जो बॉडी को गर्म रखने में बेहद असरदार साबित होता है।
100 ग्राम पिस्ता में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें प्रोटीन-20.16 g,फैट-45.32 g, कार्बोहाइड्रेट-27.17 g,फाइबर-10.60 g और शुगर – 7.66 g होती है। पिस्ता में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व मौजूद होते हैं। फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर पिस्ता पोषक तत्वों का पावर हाउस है।
न्यूट्रिशन टुडेट्रस्टेड सोर्स में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि पिस्ता खाने से ब्लड प्रेशर और दिल के रोगों का खतरा कम होता है। पिस्ता खाने से मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत होती है। पिस्ता का सेवन करने से सेहत को अनगिनत फायदे होते हैं। आइए जानते हैं कि पिस्ता सेहत को कौन-कौन से फायदे पहुंचाता है।
ब्लड शुगर करता है कंट्रोल
टोरंटो यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के अनुसार पिस्ता का सेवन करने से ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है। ये ड्राईफ्रूट बॉडी में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को कम करता है। अगर इस ड्राईफ्रूट का सेवन कार्बोहाइड्रेट युक्त फूड्स के साथ किया जाए तो ये बॉडी में कार्बोहाइट्रेड के लोड को कंट्रोल करता है और ब्लड शुगर को बढ़ने नहीं देता।
दिल को रखता है हेल्दी
पिस्ता का सेवन करने से दिल की सेहत दुरुस्त रहती है। पिस्ता में मोनोअनसैचराइड्स और पॉलीअनसैचराइड्स फैट होता है जो कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है। खराब कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहने पर दिल के रोगों का खतरा कम होता है।
वजन भी करता है कंट्रोल
पिस्ता का सेवन करने से वजन कंट्रोल रहता है। इसमें कम कैलोरी और भरपूर पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं जो बॉडी को एनर्जी देते हैं। इसमें प्रोटीन और फाइबर भरपूर होता है जो भूख को शांत करता है और आप लम्बे समय तक पेट को भरा हुआ महसूस करते हैं।
एंटीऑक्सीडेंट से हैं भरपूर
पिस्ता एक ऐसा ड्राईफ्रूट है जो एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। इसमें विटामिन ई, ल्यूटिन और ज़ेक्सैन्थिन शामिल होता हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट कोशिकाओं को मुक्त कणों से होने वाले ऑक्सीडेटिव नुकसान से बचाने में मदद करता हैं।