Sammed Shikharji Controversy: देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग धर्म और संप्रदाय के तमाम धार्मिक स्थल हैं, इन्हीं में से एक है सम्मेद शिखरजी (Sammed Shikharji)। इसे सम्मेत शिखरजी (Sammet Shikharji) या शिखरजी के नाम से भी जाना जाता है। जैन समुदाय के इस तीर्थ स्थल को लेकर इन दिनों घमासान मच गया है। देश के अलग-अलग हिस्सों में जैन समुदाय (Jain Community) के लोग सड़कों पर उतर आए हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं।
क्या है और क्यों महत्वपूर्ण है सम्मेद शिखरजी? (Sammed Shikharji)
जैन समुदाय (Jain Community) के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक सम्मेद शिखरजी झारखंड (Jharkhand) गिरिडीह जिले में पारसनाथ पहाड़ी में स्थित है। जैन संप्रदाय में मान्यता है कि जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने यहीं पर मोक्ष की प्राप्ति की थी। सम्मेद शिखरजी को जैन धर्म के दोनों मत, पितांबर जैन और दिगंबर जैन पवित्र मानते हैं। जैन समुदाय के मुताबिक सम्मेद शिखरजी, अष्टपद, गिरनार, दिलवाड़ा और माउंट आबू के बाद पांचवां ऐसा स्थल है जो जैन समुदाय के ‘श्वेतांबर पंचतीर्थ’ में शामिल है।
क्या है ताजा विवाद की वजह?
ताजा विवाद और जैन समुदाय के गुस्से की वजह झारखंड की हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार का एक नोटिफिकेशन है। इस नोटिफिकेशन के जरिए सरकार ने सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित कर दिया है। इसी बात को लेकर जैन समुदाय में नाराजगी है। उनका कहना है कि तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल घोषित नहीं किया जा सकता है।
दिल्ली से मुंबई तक प्रदर्शन
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार (Hemant Soren Government) के इस फैसले के खिलाफ मुंबई से लेकर दिल्ली, अहमदाबाद समेत देश के तमाम हिस्से में जैन संप्रदाय के लोग आंदोलनरत हैं। दिल्ली के इंडिया गेट पर बड़ी रैली निकाली गई, मुंबई में भी इसी तरह की रैली दिखी।
VHP और ओवैसी का भी समर्थन
खास बात यह है कि जैन समुदाय की मांग को विश्व हिंदू परिषद से लेकर AIMIM ने सपोर्ट किया है। विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा है कि किसी भी समुदाय के धार्मिक स्थल या भावना को इस तरीके से आहत नहीं किया जा सकता है। उधर, असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भी झारखंड सरकार को निशाने पर लिया है और इस फैसले को रद्द करने की मांग की है।
