गुजरात एक ड्राई स्टेट है यानी राज्य में शराबबंदी है। हालांकि शुक्रवार (22 दिसंबर) को गुजरात की भाजपा सरकार ने राज्य के एक क्षेत्र में शराब पीने की छूट दे दी है। यह क्षेत्र है गांधीनगर का गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी। इसे गिफ्ट सिटी के नाम से भी जाना जाता है।

इस छूट के बाद से यह चर्चा आम है कि क्या गुजरात शराबबंदी को खत्म करने की तरफ बढ़ रहा है? इसका कोई ठोस जवाब तो नहीं है। लेकिन गांधीनगर के गिफ्ट सिटी को छूट मिलना अनोखी बात नहीं है क्योंकि इस तरह की छूट की एक लंबी सूची है। हालिया छूट गुजरात में कानून के तहत दी गई विभिन्न अन्य छूटों की लिस्ट में बस नई एंट्री है।

गुजरात में किसे शराब पीने की इजाजत है?

21 वर्ष और उससे अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति शराब पीने का अस्थायी परमिट प्राप्त कर सकता है। पूर्व सैनिकों सहित 40 वर्ष या उससे अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति हेल्थ परमिट पर शराब पी सकता है।

राज्य में शराब के निर्माण, बिक्री और खपत को लाइसेंस और परमिट के एक सिस्टम द्वारा कंट्रोल किया जाता है। एक कस्टमर के रूप में शराब खरीदने और पीने के लिए परमिट प्राप्त करना होता है। जबकि शराब निर्माताओं और विक्रेताओं को लाइसेंस लेना होता है।

कंज्यूमर्स के लिए राज्य ने सात अलग-अलग प्रकार के परमिट का प्रावधान किया है, जिसमें उन विशिष्ट शर्तों को वर्गीकृत किया गया है जिनके तहत पीने की अनुमति है।

परमिट के अनेक प्रकार

कुल सात प्रकार के परमिट हैं। पांच को हेल्थ परमिट और नॉन हेल्थ परमिट की कैटेगरी में रखा जा सकता है। दो अन्य में ग्रुप परमिट और तत्काल परमिट शामिल हैं। इन दोनों का इस्तेमाल “तत्काल जरूरतों” के लिए होता है। सभी परमिट धारक राज्य भर में केवल 77 लाइसेंस प्राप्त शराब विक्रेताओं/दुकानों से ही विदेशी शराब खरीद सकते हैं।

हेल्थ परमिट प्राप्त करने में 4000 रुपये तक लग सकता है। इसे हर एक साल पर 2000  रुपये देकर रिन्यू करवाना होता है। वहीं नॉन-हेल्थ परमिट एक सप्ताह से एक महीने तक का मिलता है। इसे हासिल करने में 100 रुपये से 500 रुपये तक का खर्च आ सकता है।  

हेल्थ परमिट कैसे मिलता है?

हेल्थ परमिट गुजरात में परमिट के सबसे पुराने रूपों में से एक है। इसके लिए आवेदक की आयु 40 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। मासिक आय 25,000 रुपये से अधिक होनी चाहिए और आवेदन करने के लिए चिकित्सा कारण होना चाहिए। जैसा कि एरिया मेडिकल बोर्ड (AMB) द्वारा तय किया गया है, परमिट आम तौर पर पांच साल या उससे कम के लिए वैध होता है।

हेल्थ परमिट बॉम्बे फॉरेन लिकर रूल के धारा 64, 64बी और 64सी के तहत जारी किए जाते हैं। धारा 64 के तहत उन लोगों को हेल्थ परमिट मिलता है, जो गुजरात के निवासी हैं और उन्हें अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए शराब की आवश्यकता है।  

धारा 64बी के तहत उन लोगों हेल्थ परमिट मिलता है, जो गुजरात के निवासी नहीं हैं लेकिन पिछले दस वर्षों से गुजरात में रह रहे हैं और उन्हें अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए शराब की आवश्यकता है।

धारा 64सी के तहत उन लोगों को हेल्थ परमिट मिलता है, जो डिफेंस से सेवानिवृत्त हैं और उन्हें अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए शराब की आवश्यकता है। हालांकि, राज्य ने अगस्त 2022 में 64सी के तहत परमिट जारी करना बंद कर दिया क्योंकि यह धारा रक्षा अधिकारियों के दायरे में है।

धारा 64 के तहत स्वास्थ्य परमिट के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में 2,000 रुपये और चिकित्सा परीक्षण शुल्क के रूप में 2,000 रुपये का भुगतान करना होता है। एक सरकारी अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा, चिकित्सीय कारण ‘तनाव’ से लेकर दिल की बीमारियों तक हो सकते हैं।

राज्य ने धारा 64 के तहत हेल्थ परमिट लेने वालों के लिए यह तय कर रखा है कि वह एक महीने में कितनी शराब ले सकते हैं। 40-50 वर्ष की आयु वालों के लिए तीन यूनिट, 50 वर्ष से अधिक और 65 वर्ष से कम आयु वालों के लिए चार यूनिट, और 65 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए पांच यूनिट।

धारा 64बी के तहत हेल्थ परमिट लेने वालों के लिए राज्य निर्दिष्ट करता है कि एक महीने में अधिकतम दो यूनिट ही ले सकते हैं। इसमें उम्र की कोई बाध्यता नहीं है।

नॉन-हेल्थ परमिट का लाभ कौन उठा सकता है?

राज्य में अस्थायी रूप से रहने वालों और विदेशियों को को नॉन-हेल्थ परमिट जारी किया जा सकता है। यह परमिट उन्हें प्रति माह अधिकतम चार यूननिट खरीदने की अनुमति देता है।

राज्य में आने वाले विदेशी नागरिकों को पर्यटक परमिट (Tourist Permits) जारी किये जा सकेंगे। ऐसा परमिट अधिकतम एक महीने के लिए वैध होता है और अधिकतम छह यूनिट की खरीद की अनुमति देता है।

गुजरात आने वाले अन्य राज्यों के निवासियों को आगंतुक परमिट (Visitors’ permits) जारी किए जा सकते हैं। यह उन गुजरात निवासी को भी जारी किया जा सकता है जो ग्रीन कार्ड धारक हैं। यह परमिट अधिकतम सात दिनों के लिए प्राप्त किया जा सकता है और आवश्यकता पड़ने पर अधिकतम तीन बार तक बढ़ाया जा सकता है। विजिटर्स परमिट लेना वाला व्यक्ति एक सप्ताह में अधिकतम एक यूनिट शराब खरीद सकता है।

टूरिस्ट परमिट और विजिटर्स परमिट के लिए अब कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन कर सकता है।

अन्य कौन से परमिट शराब पीने की अनुमति देते हैं?

ग्रुप परमिट: यह परमिट किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन/आयोजन के लिए प्राप्त किया जा सकता है। इसमें सरकारी संगठन भी शामिल हो सकते हैं। ग्रुप परमिट सम्मेलन के आयोजक को प्राप्त करना होता है। ग्रुप परमिट सम्मेलन की अवधि तक वैध रहता है। ग्रुप परमिट मिलने के बाद सम्मेलन में भाग लेने वाले शराब खरीद सकते हैं, स्टोर कर सकते हैं और पी सकते हैं।

तत्काल परमिट: इसे आपातकालीन परमिट भी कहते हैं। इसका लाभ गुजरात में रहने वाले व्यक्ति “अपने परिवार के सदस्यों के लिए” ब्रांडी, रम या शैंपेन रखने और कंज्यूम करने के लिए ले सकते हैं। एक परिवार में केवल एक व्यक्ति को ही ऐसा परमिट जारी किया जा सकता है। यह परमिट 180 मिलीलीटर ब्रांडी या रम, या 375 मिलीलीटर शैंपेन की अनुमति देता है।

कौन जारी करता है शराब पीने का परमिट?

गिफ्ट सिटी में आने वालों के लिए मानव संसाधन प्रमुख या नामित अधिकारी की सिफारिशों पर परमिट जारी किए जा सकते हैं।

पर्यटकों के लिए परमिट जिला पी एंड ई अधिकारियों (district P&E officials) के अलावा, लाइसेंस प्राप्त दुकान में तैनात निषेध और उत्पाद शुल्क विभाग के दुकान प्रभारी द्वारा जारी किए जा सकते हैं। जिन होटलों के पास लाइसेंसी शराब की दुकानें हैं, उनके प्रबंधकों को विदेशी आगंतुकों और एनआरआई को परमिट जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है।

एक ‘यूनिट’ कितना होता है?

एक यूनिट विदेशी शराब को 750 मिलीलीटर की स्प्रिट की एक बोतल, या 750 मिलीलीटर की तीन बोतल शराब के रूप में परिभाषित किया गया है। जिन शराबों में 2% से अधिक एथिल अल्कोहल होता है, उसका एक यूनिन 650 मिलीलीटर की 10 बोतल या 500 मिलीलीटर की 13 बोतल या 330 मिलीलीटर की 20 बोतल होता है। यदि एथिल अल्कोहल की मात्रा 2% से अधिक नहीं है, तो 650 मिलीलीटर की 30 बोतलें और 750 मिलीलीटर की 27 बोतलें एक यूनिट में शामिल होती हैं।

गुजरात में किस परमिट इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है?

पिछले पांच वर्षों में 40 वर्ष से अधिक आयु के गुजरात निवासियों ने हेल्थ परमिट के लिए खूब आवेदन किया है। वहीं बिजनेस और पर्यटन के लिए आने वालों को जारी किया जाने वाला टेम्परेरी परमिट के आवेदन में काफी गिरावट आई है। 1960 में बंबई प्रांत से अलग होने के बाद से गुजरात में शराबबंदी लागू है।

राज्य में परमिट की मांग 2018 और 2022 के बीच प्रति वर्ष औसतन 6 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। Gujarat Prohibition and Excise Department के आंकड़ों के अनुसार, 2018 में छह श्रेणियों के तहत कुल 47,836 परमिट जारी किए गए थे। इनमें से लगभग 51 प्रतिशत हेल्थ और 48 प्रतिशत नॉन-हेल्थ परमिट थे।

2022 में कुल 76,135 परमिट (स्वास्थ्य और गैर-स्वास्थ्य) जारी किए गए थे। इनमें से हेल्थ परमिट्स की हिस्सेदारी सबसे अधिक 78 प्रतिशत थी, जबकि नॉन-हेल्थ परमिट्स की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत थी।