The Kerala Story: केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। फिल्म का टीजर और ट्रेलर देखने के बाद हाईकोर्ट की जस्टिस एन. नागरेश (Justices N Nagaresh) और जस्टिस सोफी थॉमस (Sophy Thomas) की बेंच ने कहा कि फिल्म में इस्लाम या मुस्लिमों के खिलाफ कोई बात नहीं है, बल्कि इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) की बात की गई है।

हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान एडवोकेट शाह ने दलील दी कि इस फिल्म का असर ऐसा होगा कि कोई मां बाप अपने बच्चे को मुस्लिम बच्चों के साथ हॉस्टल में रहने तक को नहीं भेजेगा। उन्होंने कहा कि मेरा पॉइंट बस इतना है कि वे लोग (फिल्ममेकर्स) दावा कर रहे हैं कि ये सच्ची कहानी पर आधारित है। इस पर जज ने कहा, ‘अगर ऐसा दावा कर रहे हैं तो ISIS को आकर इसका खंडन करने दीजिए…अगर इस बयान से आईएसआईएस को ठेस पहुंच रही है तो उन्हें कहने दीजिए…’।

भूत-प्रेत और वैंपायर भी तो नहीं होते?

सुनवाई के दौरान एडवोकेट ने दावा किया कि जांच में सामने आया है कि लव जिहाद के कोई मामला है ही नहीं। इस पर कोर्ट ने कहा कि वास्तव में तो भूत और वैंपायर भी नहीं होते हैं, लेकिन फिल्म में तो दिखाते हैं। फिल्म पूरी तरह फिक्शन पर आधारित है। सिर्फ इसलिए कि किसी एक धर्म के प्रमुख को दिखाया गया है, इसका मतलब यह नहीं है कि पूरे धर्म पर टिप्पणी है। हिंदी और मलयाली फिल्मों में तो लंबे वक्त से होता है’।

हाईकोर्ट ने क्या आदेश दिया?

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद हमने पाया कि इसमें किसी समुदाय के प्रति कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। किसी भी याचिकाकर्ता ने फिल्म देखी तक नहीं। कई ऐसी फिल्में हैं, जिनमें हिंदू संन्यासियों को स्मगलर या रेपिस्ट तक दिखाया गया है। लेकिन कुछ नहीं हुआ, किसी ने कोई प्रोटेस्ट नहीं किया। इस तरह की तमाम हिंदी और मलयाली फिल्में मिल जाएंगी।

क्या है ‘द केरला स्टोरी’ की कहानी?

‘द केरला स्टोरी’ 5 मई को रिलीज हुई है। फिल्म, केरल की महिलाओं के एक समूह पर आधारित है, जो इस्लाम कबूल कर लेती हैं और आईएसआईएस में शामिल हो जाती हैं। अदा शर्मा इस फिल्म में हिंदू मलयाली नर्स फातिमा बा का रोल निभा रही हैं, जो इस्लाम कबूल कर ISIS ज्वाइन कर लेती हैं। अदा शर्मा पता लगाती हैं कि किस तरीके से हिंदू और क्रिश्चियन समुदाय की 32000 लड़कियां केरल से गायब हो जाती हैं और इस्लाम कबूल कर आईएसआईएस में शामिल हो जाती हैं।

कहां से आया 32000 हजार लड़कियों का डाटा?

फिल्म में 32000 के आंकड़े पर ही सबसे ज्यादा विवाद है। फिल्म के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन का कहना है कि आंकड़ों के पक्ष में उनके पास कई सबूत हैं। हालांकि उन्होंने कोई सबूत सार्वजनिक नहीं किया है। एक इंटरव्यू में सुदीप्तो सेन ने दावा किया कि साल 2010 में केरल के तत्कालीन चीफ मिनिस्टर ओमन चांडी ने राज्य विधानसभा में एक रिपोर्ट रखी थी और कहा था कि हर साल 2800 से 3200 लड़कियां इस्लाम कबूल कर रही हैं।

सेन ने कहा कि अगर इस आंकड़े को भी देखें तो 10 साल में 32-33000 तक पहुंच जाता है और यही आंकड़ा फिल्म में दिया गया है। सुदीप्तो सेन ने कहा कि उनके पास इस आंकड़े को साबित करने के लिए डॉक्यूमेंट भी हैं। हालांकि हमें साल 2010 का ऐसा कोई डॉक्यूमेंट नहीं मिला, जैसा फिल्म के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन दावा कर रहे हैं।

2013 से खुफिया एजेंसियों के रडार पर है ISIS

‘द केरला स्टोरी’ के इस दावे पर भी विवाद है कि 32000 लड़कियों ने सिर्फ इस्लाम कबूला, बल्कि गायब हो गईं। आईएसआईएस लंबे समय से भारत को लेकर ‘खोरासान मॉड्यूल’ पर काम कर रहा है और साल 2013 में पहली बार भारतीय खुफिया एजेंसियों के रडार पर आया था। तब सीरिया से ऐसी खबरें आई थीं कि वहां भारत के कई लड़ाके ISIS की तरफ से लड़ रहे हैं।

2013 के बाद से तमाम भारतीय, इराक और सीरिया जाकर आईएस की तरफ से लड़ चुके हैं। अब तक वहां से वापस आने के बाद या संगठन ज्वाइन करने की तैयारी कर रहे करीब 100 लोगों को भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है। साल 2019 में तत्कालीन गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने संसद में बताया था कि NIA और तमाम राज्यों की पुलिस ने 155 ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है जो आईएसआईएस समर्थक थे।

अमेरिका ने क्या डाटा दिया था?

अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने साल 2020 में ‘Country Reports on Terrorism 2020: India’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की थी। इसके मुताबिक नवंबर, 2020 तक कुल 66 भारतीय आईएसआईएस की तरफ से लड़ रहे थे। गौर करने वाली बात यह है कि अब तक जो डाटा सामने आया है, इंटेलिजेंस एजेंसियों के मुताबिक इनमें से 90% लोग दक्षिण के राज्यों से हैं।

तो केरल के कितने लोग?

चर्चित थिंक टैंक ORF की एक रिपोर्ट के मुताबिक आईएसआईएस ने भारत से जिन लोगों को रिक्रूट किया है, उनमें से ज्यादातर केरल के लोग हैं। गल्फ कंट्री में काम करते थे या वहां से लौटने के बाद आईएसआईएस की तरफ उनका झुकाव बढ़ा।

क्या सच है 4 महिलाओं की कहानी?

‘द केरला स्टोरी’ को लेकर दावा किया जा रहा है यह 4 महिलाओं की सच्ची कहानी पर आधारित है, जिन्होंने इस्लाम कबूल कर लिया और अपने पति के साथ साल 2016 से 2018 के बीच आईएसआईएस की तरफ से लड़ने अफगानिस्तान चली गई थीं और इन दिनों वहां की जेल में बंद हैं। साल 2019 में StratNewsGlobal ने अपनी वेबसाइट पर ‘Khorasan Files: The Journey of Indian Islamic State Widows’ नाम से एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें केरल की 4 महिलाओं, निमिशा उर्फ फातिमा, मेरिन उर्फ मरियम, सोनिया सेबेस्टियन उर्फ आयशा और राफेला का इंटरव्यू छापा था। कयास है कि ये 4 महिलाएं, वही हैं।