भारत में डायबिटीज (Diabetes) के 8 करोड़ से ज्यादा मरीज हैं। आंकड़ों के मुताबिक 2045 तक यह संख्या बढ़कर 13.5 करोड़ तक पहुंच सकती है। डायबिटीज की वजह से दूसरी बीमारियों का खतरा (Diabetes Risk) कई गुना बढ़ जाता है। खासकर हृदय और किडनी से जुड़ी बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है।
डायबिटीज के प्रकार (Types of Diabetes)
डायबिटीज मुख्य तौर पर 3 तरह की होती है। टाइप वन डायबिटीज, टाइप 2 डायबिटीज और जेस्टेशनल डायबिटीज। टाइप 1 डायबिटीज को जुवेनाइल डायबिटीज भी कहा जाता है, क्योंकि यह ज्यादातर 15 साल से कम उम्र के किशोरों को होती है। टाइप 2 डायबिटीज वयस्कों को होती है। जबकि जेस्टेशनल डायबिटीज प्रेगनेंसी के दौरान होती है।
देश के जाने-माने डायबिटीज विशेषज्ञ डॉक्टर वी. मोहन अपने एक वीडियो में कहते हैं कि डायबिटीज के जितने मरीज हैं उनमें 90% से ज्यादा टाइप 2 डायबिटीज की चपेट में हैं।
डायबिटीज की वजह (Diabetes Causes in Hindi)
डॉ. वी मोहन कहते हैं टाइप टू डायबिटीज (type 2 diabetes) की दो प्रमुख वजह हैं (Type 2 Diabetes Reason), पहला जेनेटिक्स और दूसरा लाइफ़स्टाइल रिलेटेड। अगर आपके परिवार में किसी को डायबिटीज रहा है, तो इस बात की आशंका बढ़ जाती है कि आपक डायबिटीज की चपेट में आ जाएं। इसके अलावा यदि आप फिजिकली एक्टिव नहीं है, ओरवेट या मोटापे का शिकार हैं तो फिर टाइप टू डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। मोटापे की वजह से शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस भी होता है, जो टाइप टू डायबिटीज की वजह बनता है।
डायबिटीज के लक्षण (Type 2 Diabetes Symptoms)
- बार-बार प्यास लगना
- बार बार यूरिन आना
- भूख में बढ़ोतरी
- जरूरत से ज्यादा थकान
- आंखों के आगे धुंधलापन
- हाथ या तलवे में सुन्नपन
- घाव देरी से ठीक होना
- अचानक वजन घटने लगना
सामान्य लोगों का ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए? (Blood Sugar Level for Normal Person)
रेडक्लिफ लैब्स (Redcliffe Labs) से जुड़े डॉ. अरविंद कुमार अपने एक वीडियो में बताते हैं कि एक सामान्य व्यक्ति में फास्टिंग के दौरान ग्लूकोस या शुगर लेवल 100 mg/dl होना चाहिए। फास्टिंग का मतलब है कि कम से कम 8 घंटे की फास्टिंग हो। हम किसी भी सामान्य व्यक्ति को, चाहे वह किसी उम्र का हो, शुगर लेवल का यही टारगेट देते हैं।
दूसरा होता है पोस्टप्रांडियल ब्लड शुगर (Postprandial Blood Sugar) यानी खाने के 2 घंटे बाद का शुगर लेवल जो 140 mg/dl तक कम होना चाहिए। इसके अलावा यदि 2-3 महीने का औसत शुगर लेवल, जिसे hba1c टेस्ट करवाते हैं तो इसकी रेंज 5.7% तक होनी चाहिए।
डॉ. अरविंद कहते हैं कि कई डॉक्टर ग्लूकोस टॉलरेंस टेस्ट भी करवाते हैं। यह ज्यादा सटीक माना जाता है। इसमें मरीज को 75 ग्राम ग्लूकोज दिया जाता है। इससे ठीक पहले ब्लड सैंपल लेते हैं, जिसको फास्टिंग सैंपल कहते हैं। यह वैल्यू 100 mg/dl से कम होनी चाहिए।
डायबिटीज मरीजों का ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए? (Blood Sugar Level for Diabetes Patient)
यह तो हुई सामान्य लोगों की बात या जिसे कोई बीमारी नहीं है। डॉ. अरविंद कहते हैं कि सामान्य व्यक्तियों के मुकाबले डायबिटीज के मरीजों का टारगेट अलग है। डायबिटीज मरीजों में फास्टिंग शुगर लेवल 80-130 mg/dl के बीच होना चाहिए। इसी तरह खाने के बाद यानी पोस्टप्रांडियल ब्लड शुगर (Postprandial Blood Sugar) अधिकतम 180 mg/dl होना चाहिए। इसी तरह hba1c की रेंज अधिकतम 7% होनी चाहिए।