भारत में डायबिटीज मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। डायबिटीज तीन तरह का होता है (Types of Diabetes)। टाइप-1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes), टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) और जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational Diabetes)। दुनियाभर में डायबिटीज के कुल मरीजों में 90 फीसदी से ज्यादा टाइप-2 डायबिटीज के मरीज हैं। टाइप 2 डायबिटीज की सबसे कॉमन वजह जेनेटिक यानी अनुवांशिक है। अगर आपके माता-पिता या परिवार के किसी अन्य सदस्य को डायबिटीज रहा है तो बहुत ज्यादा आशंका है कि आपको भी डायबिटीज हो।

टाइप-2 डायबिटीज की क्या वजह है? (Type 2 Diabetes Reason)

देश के जाने-माने डायबिटीज एक्सपर्ट और डॉ. मोहन डायबिटीज स्पेश्यलिटीज के चेयरमैन डॉ. वी. मोहन (Dr. V. Mohan) अपने एक वीडियो में बताते हैं कि टाइप-2 डायबिटीज के करीब 40 फीसदी मरीज ऐसे हैं, जिनकी बीमारी की वजह जेनेटिक है। बाकी 60% का कारण लाइफ़स्टाइल रिलेटेड है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है डाइट यानी खान-पान। आप क्या खाते हैं, यह बहुत महत्वपूर्ण है।

अगर आप पिज़्ज़ा, बर्गर, सॉफ्ट ड्रिंक जैसी अनहेल्दी डाइट लेते हैं तो बहुत ज्यादा चांस है कि आप डायबिटीज की चपेट में आ जाएं। इसके अलावा एक्सरसाइज या कोई फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते हैं, तो भी टाइप-2 डायबिटीज की चपेट में आने की आशंका है।

डॉ. वी. मोहन कहते हैं कि आप क्या खाते हैं, इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है कितना खाते हैं और कैसे खाते हैं। भारत के संदर्भ में बात करें तो चाहे उत्तर हो या दक्षिण, हमारी डाइट का 70 से 75% हिस्सा कार्बोहाइड्रेट होता है। डाइट में इतनी ज्यादा मात्रा में कार्बोहाइड्रेट से डायबिटीज होने का बहुत ज्यादा खतरा रहता है।

डायबिटीज में कैसा होना चाहिए खानपान (Easy Diet Tips to Control Diabetes)

आखिर डायबिटीज में कैसा खानपान होना चाहिए? इसको एकदम आसान भाषा में समझें तो अपने खाने की प्लेट को 3 भाग में डिवाइड कर लें (Healthy Plate Concept)। प्लेट के आधे हिस्से में पौष्टिक हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें। इसके बाद प्लेट के बचे आधे हिस्से को दो भाग में बांट लें। एक चौथाई भाग में प्रोटीन शामिल करें। जो लोग शाकाहारी हैं, उनके लिए चना, राजमा, सोयाबीन, मूंग-मसूर और मशरूम प्रोटीन का अच्छा सोर्स है। नॉन वेजिटेरियन लोग फिश और चिकन खा सकते हैं। साथ ही अंडे का सफेद वाला हिस्सा भी लिया जा सकता है। पीले भाग में कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होता है, इसलिए उससे बचें। साथ ही रेड मीट (लाल मांस) से भी बचें।

प्लेट के आखिरी एक चौथाई हिस्से में कार्बोहाइड्रेट को शामिल करें। आप अपनी पसंद के अनुसार रोटी या चावल खा सकते हैं। लेकिन हमेशा ध्यान रखें चाहे चावल हो या रोटी इसकी मात्रा एक चौथाई से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। ब्राउन राइस बेहतर है। अगर आप सफेद चावल खाते हैं तो इसकी मात्रा सीमित होनी चाहिए। इसके अलावा चाहें तो एक कटोरी दही या एक गिलास दूध पी ले सकते हैं।

डायबिटीज मरीज कौन से फल खा सकते हैं? (What Foods Can Diabetics Eat Freely?)

रेडक्लिफ लैब से जुड़े डॉ. अरविंद कुमार कहते हैं कि फलों में तमाम तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, इसलिये सभी को फल खाना चाहिए। डायबिटीज मरीजों को फल को लेकर भी सावधानी बरतनी चाहिए। कई ऐसे फल हैं, जिनके खाने के तुरंत बाद ब्लड शुगर (Blood Sugar) लेवल बढ़ जाता है, क्योंकि इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत ज्यादा होता है। इसलिए आपको यह ध्यान रखना जरूरी है कि कौन से फल खा रहे हैं।

  • सेब
  • अमरूद
  • पपीता
  • संतरा
  • तरबूज

ये ऐसे फल हैं, जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic Index) लो होता है। शुगर के मरीजों को केला, आम या बहुत ज्यादा मीठे फल खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इसे शुगर बेतहाशा बढ़ सकता है।

डायबिटीज मरीज कितने फल खा सकते हैं? (How Much Fruit Can Diabetics Eat)

डायबिटीज मरीजों को हर दिन सिर्फ एक ही फल खाना चाहिए। बहुत जरूरत पड़ने पर दो फल खा सकते हैं। इसकी मात्रा 72 ग्राम तक हो सकती है। लेकिन हमेशा ध्यान रखें कि फल ही खाएं न कि फल का जूस पिएं। पैकेज्ड जूस से भी बिल्कुल बचें। डॉ. अरविंद कुमार कहते हैं कि डायबिटीज मरीज भोजन के कम से कम दो घंटे बाद फल खा सकते हैं। भोजन के साथ फल न खाएं। जिन लोगों को डायबिटीज नहीं है वे दिन में चार से पांच फल खा सकते हैं।