कोरोना संक्रमण (Covid-19 Infection) से दुनिया को अब भी पूरी तरह मुक्ति नहीं मिली है। चीन (China) समेत कई देशों में एक बार फिर कोरोना (Coronavirus) के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इस बीच एम्स (AIIMS) ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में बताया है कि कोरोना वायरस पुरुषों के वीर्य (Semen) की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहा है। ऐसे में कोरोना से संक्रमित युवाओं में फर्टिलिटी संबंधी समस्या (Male infertility) भी आ सकती है। पटना एम्स (AIIMS Patna) ने अध्ययन के लिए कोरोना संक्रमित पुरुषों के सीमेन का एनालिसिस किया है।

अक्टूबर 2020 और अप्रैल 2021 के बीच एम्स पटना में कोविड-19 उपचार के लिए भर्ती 19 से 43 वर्ष के बीच के 30 पुरुषों के वीर्य का विश्लेषण किया गया था। पहला विश्लेषण संक्रमण के तुरंत बाद कलेक्ट किए गए स्पर्म का किया गया और दूसरा विश्लेषण ढाई महीने बाद एकत्र किए गए वीर्य का किया गया। अध्ययन के परिणाम से पता चलता है कि कोरोना से संक्रमित होने के बाद स्पर्म की क्‍वालिटी पहले जैसी नहीं रह जाती है। हालांकि स्पर्म में कोरोना वायरस के अंश नहीं पाए गए।

बता दें कि वीर्य वह तरल पदार्थ है जिसमें शुक्राणु होता है। यह स्खलन के दौरान निकलता है। वीर्य की गुणवत्ता का विश्लेषण प्रमुख रूप से तीन मानकों पर किया जाता है। पहला शुक्राणु की संख्या, दूसरा शुक्राणु का आकार और तीसरा शुक्राणु की गति (movement of the sperm)।

कोरोना संक्रमित पुरुषों का स्पर्म काउंट हुआ कम

क्यूरियस जर्नल ऑफ मेडिकल साइंस में प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि कोरोना संक्रमण के ठीक बाद जिन 30 पुरुषों के स्पर्म का सैंपल लिया गया, उनमें से 12 (40%) का स्पर्म काउंट कम था। ढाई महीने बाद जब दूसरी बार सैंपल लिया गया 3 (10%) पुरुषों का स्पर्म काउंट कम था। इन पुरुषों में प्रति इजैक्युलेशन 39 मिलियन से कम स्पर्म की संख्या रही।

कोविड-19 से संक्रमित जिन 30 पुरुषों का पहली बार सैंपल लिया गया उनमें से 10 (33%) में वीर्य की मात्रा कम पायी गयी थी। स्खलन के वक्त 1.5 से 5 मिली के बीच वीर्य का निकलना सामान्य है। लेकिन कोरोना संक्रमित 10 मरीजों में वीर्य 1.5 मिली से कम था।

अध्ययन में शामिल 30 पुरुषों में से 26 के वीर्य की थिकनेस कम हो गयी थी। 29 का स्पर्म काउंट कम हो गया था। वहीं 22 में स्‍पर्म मूवमेंट की समस्या देखी गयी थी। ढाई महीने बाद के सैंपल में स्थिति कुछ ठीक थी लेकिन वह परिणाम भी सामान्य के बहुत करीब नहीं था।