18 जुलाई को राष्ट्रपति के लिए वोटिंग होने वाली है। राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवार, द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हा देश के सभी राज्यों में जाकर अपने लिए समर्थन मांग रहे हैं। इसी बीच यशवंत सिन्हा 9 जुलाई को जम्मू कश्मीर पहुंचे, जहां उन्होंने महबूबा मुफ्ती, फारुक अब्दुल्ला से मुलाकात की। इसके बाद उन्हें सबसे बड़ा देशभक्त बताया है।

यशवंत सिन्हा ने कहा कि ‘फारूक साहब, महबूबा जी सहित यहां मौजूद हमारे सभी लोग, देश में उनसे बड़ा कोई देशभक्त नहीं है। अगर ये देशभक्त नहीं हैं, तो हममें से किसी को भी अपने देश के प्रति देशभक्ति का दावा करने का अधिकार नहीं है।’ इस पर फिल्ममेकर अशोक पंडित ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

अशोक पंडित ने लिखा कि ‘हम से पूछिए सिन्हा साहब कि यह कितने देशभक्त हैं! किस दुनिया में रहते हो?’ इस पर तमाम लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। अनुराग नाम के यूजर ने लिखा कि ‘यह अच्छा है कि यशवंत सिन्हा ने खुद को उजागर किया। वह चुनाव हार रहे हैं यह कोई खबर नहीं है लेकिन अब उन्होंने भारतीय राजनीति में भविष्य की संभावनाओं को समाप्त कर दिया है।’

एक यूजर ने लिखा कि ‘पंडित जी आपको तो बीजेपी के अलावा कोई देशभक्त लग ही नहीं सकता है। लगे रहो। अगर जम्मू कश्मीर देश का अभिन्न अंग है तो वहां के लोग क्यों नहीं हैं।’ समुद्र नाम के यूजर ने लिखा कि ‘प्रेसिडेंट तो बन नहीं सकते, कम से कम इस पद की गरिमा की ख़ातिर ऐसे बयान तो मत दो।’

सुनील कुमार शर्मा ने कहा कि ‘मेरी हंसी नहीं रुक रही, अगर ये देशभक्त है तो फिर इस देश को भगवान ही बचाए।’ अरविन्द ठाकुर नाम के यूजर ने लिखा कि ‘शुक्र मनाईये सिन्हा साहब ने यासिन मलिक को देशभक्त नहीं कहा है।’ राज बहादुर शर्मा ने लिखा कि ‘अगर वे देशभक्त होते तो लाखों कश्मीरी पंडितों को कश्मीर छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाता। कुछ वोट के लिए झूठ मत बोलो।’

बता दें कि ANI के अनुसार यशवंत सिन्हा ने यह भी कहा है कि ‘अगर मैं जीत जाता हूं तो मेरी प्राथमिकताओं में से एक सरकार से कश्मीर मुद्दे को स्थायी रूप से हल करने और शांति, न्याय, लोकतंत्र, सामान्य स्थिति बहाल करने और जम्मू-कश्मीर के प्रति शत्रुतापूर्ण विकास को समाप्त करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का आग्रह करना होगा।’