केंद्र सरकार के ‘अग्निपथ’ योजना पर घमासान मच गया है। एक तरफ विपक्ष ने अदूरदर्शी बताते हुए इस योजना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है तो दूसरी तरफ बृहस्पतिवार (16 जून) को देश के तमाम शहरों में युवा इसके खिलाफ सड़क पर उतर आए। कई जगह हिंसात्मक प्रदर्शन भी हुए। गाड़ियों में आग लगा दी गई, बसें तोड़ी गईं और ट्रेन के डिब्बों को आग के हवाले कर दिया गया। बॉलीवुड एक्टर कमाल आर. खान (KRK) ने इसका जिक्र करते हुए मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘देश में पूरा मनोरंजन चालू है। नौजवान नौकरियों के लिए सड़क पर हैं, कांग्रेस राहुल गांधी को बचाने के लिए रोड पर है, मुसलमान खुद को और अपना घर-बार बचाने को प्रदर्शन कर रहे हैं तो बजरंग दल इन सब के खिलाफ सड़क पर उतर गया है। ये दिया है मोदी जी ने देश को…मजा आ गया।’ उधर, फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने भी सरकार पर निशाना साधा।

कापड़ी ने ट्वीट कर लिखा, ‘मोदी के अदूरदर्शिता भरे फैसले ने देश को आग में झोंक दिया है। आगज़नी करने वाले, हिंसा करने वाले ऐसे उपद्रवी कभी देश के सिपाही नहीं बन सकते। इन पर सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए और सरकार को तुरंत अग्निपथ स्कीम पर रोक लगानी चाहिए।’ उन्होंने मोदी की रैली से जुड़ा एक वीडियो साझा करते हुए तंज कसा, ‘जब देश के लाखों युवा सड़कों पर हैं, जब देश जल रहा है…तब भारत के प्रधानमंत्री ये कर रहे हैं।’

फिल्ममेकर ने उत्तर प्रदेश में अग्निपथ स्कीम के खिलाफ प्रदर्शन का एक वीडियो साझा किया और लिखा, ‘योगी के उत्तर प्रदेश में नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लग रहे हैं। आज तो शुक्रवार भी नहीं है, फिर भी देश के लाखों युवा क्यों सड़कों पर हैं? शुक्रवार के नाम से सरकार का नैरेटिव चला रहे लोगों को खुद से सवाल पूछना चाहिए और चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए।’

उन्होंने वरुण गांधी का एक ट्वीट शेयर करते हुए आगे लिखा, ‘ये बेहद सराहनीय है कि सत्तारूढ़ पार्टी में होते हुए वरुण गांधी लगातार वाजिब सवाल उठा रहे हैं। काश ये हिम्मत और बीजेपी नेता दिखाएं तो देश को अदूरदर्शी और संवेदनहीन फ़ैसलों से मुक्ति मिलेगी।’

अशोक पंडित उतरे समर्थन में: उधर, अक्सर मोदी सरकार की नीतियों के साथ खड़े नजर आने वाले फिल्ममेकर अशोक पंडित इस स्कीम के समर्थन में हैं। उन्होंने राहुल गांधी के एक ट्वीट पर पलटवार करते हुए टिप्पणी की, ‘सपने देख रहे हो क्या बाबा ? देश को गुमराह करना बंद कर दो।’ दरअसल, राहुल गांधी ने लिखा था, ‘न कोई रैंक, न कोई पेंशन, न 2 साल से कोई डायरेक्ट भर्ती, न 4 साल के बाद स्थिर भविष्य, न सरकार का सेना के प्रति सम्मान, देश के बेरोज़गार युवाओं की आवाज़ सुनिए, इन्हे ‘अग्निपथ’ पर चला कर इनके संयम की ‘अग्निपरीक्षा’ मत लीजिए, प्रधानमंत्री जी।’