आरती सक्सेना

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुंबई जाकर अपने प्रदेश में फिल्मसिटी बनाने की घोषणा की, तो राजनीतिक बयानबाजी की बाढ़ आ गई। घोषणा से ही विवाद बढ़ने लगा। कोई इसकी तारीफ कर रहा था, तो कोई इसे बॉलीवुड को यूपी ले जाने का षड्यंत्र बता रहा था। सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तो यहां तक कह दिया कि बहुरंगी व बड़े मानसिक क्षितिज की उम्मीद रखने वाली यह प्रस्तावित फिल्मसिटी आज की एकरंगी व संकीर्ण सोच वाली सत्ता के रहते कभी भी विकसित नही हो पाएगी। महाराष्ट्र सरकार ने संदेह जताया कि यह बॉलीवुड को यूपी ले जाने की साजिश है। बावजूद इसके इस घोषणा ने सूबे में संभावनाओं के नए दरवाजे जरूर खोल दिए हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुंबई में जाकर फिल्मसिटी बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि वह कुछ नया करने जा रहे हैं। वह फिल्मवालों को विश्वस्तरीय सुविधा देंगे। उन्होंने कहा किफिल्मसिटी बनाकर उनकी सरकार आसपास के प्रांतों और क्षेत्रों का सांस्कृतिक विकास करना चाहती है। इस फिल्मसिटी से खुली प्रतिस्पर्धा का माहौल तैयार होगा। उनकी सरकार ने पचास सालों का ध्यान रखकर करीबन पांच हजार करोड़ के निवेश से भव्य फिल्मसिटी बनाने का कार्यक्रम शुरू किया है। उन्होंने बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक सभी को फिल्मों की शूटिंग करने के लिए निमंत्रण भी दिया है।

योगी मिले फिल्मवालों से

फिल्मसिटी को लेकर उत्साहित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुंबई आकर खास तौर पर 50 फिल्मी लोगों से मुलाकात की और उन्हें यूपी आकर फिल्मों की शूटिंग करने का आमत्रंण दिया। योगी सबसे पहले अक्षय कुमार से मिले और अगर खबरों की माने तो अक्षय कुमार ने मौके का फायदा उठाते हुए 2021 में अपनी नई फिल्म ‘रामसेतु’ की शूटिंग यूपी में करना तय कर लिया। योगी परेश रावल, मधुर भंडारकर, प्रकाश झा, उदित नारायण, अनुपम खेर, नितिन देसाई, कैलाश खेर अनूप जलोटा सतीश कौशिक आदि से मिले। खबरों के अनुसार जॉन अब्राहम और भूषण कुमार मुख्य मंत्री से लखनऊ जाकर मिले जिसके बाद लगा कि योगी बॉलीवुड दिग्गजों को यूपी में खींचने की योजना बना रहे हैं।

शुरु हुआ विवाद

योगी सरकार ने यूपी में फिल्मसिटी बनाने की घोषणा की तो कंगना रानौत, राजू श्रीवास्तब और बीजेपी के कई नेता इसका स्वागत करने आगे आए। भोजपुरी अभिनेता और नेता रवि किशन ने कहा कि यूपी में फिल्मसिटी उनका बहुत पुराना सपना था। अब बिहार का युवा सम्मान और स्वाभिमान से काम कर पाएगा। भाजपा नेता मोहसिन रजा ने तो यहां तक कहा कि महाराष्ट्र सरकार मुंबई के निर्माताओं पर दबाव डाल रही है कि वे कही बाहर जाकर शूटिंग न करें। महाराष्ट्र कांग्रेस ने इसे मुंबई के फिल्म कारोबार को यूपी में शिफ्ट करने का षड्यंत्र बताया। सामना में लिखा गया कि योगी पहले सूबे के बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाएं। तल्ख टिप्पणी करते हुए अखबार ने कहा, क्या वह मिर्जापुर में फिल्मसिटी बनाएंगे। एक शिवसेना नेता का कहना था कि हमने फिल्मसिटी खून पसीना एक करके बनाई है। योगी सरकार के लिए इतना आसान नही है कि वह बॉलीवुड को यूपी ले जा सके।

कितना आकर्षण फिल्मसिटी का

यूपी की फिल्मसिटी बॉलीवुड को प्रभावित कर पाएगी? क्या मुंबई के निर्माता यूपी जाकर फिल्मों की शूटिंग करेंगे? क्या मुंंबई की फिल्मसिटी इससे प्रभावित होगी? इस बारे में यही कहा जा सकता है कि यूपी में प्रस्तावित फिल्मसिटी निश्चित तौर पर फिल्म उद्योग में क्रांति लाएगी। उत्तर भारतीय पृष्ठभूमि पर बनने वाली फिल्मों के निर्माताओं के लिए यह फायदेमंद होगी। हिंदी में बनने वाली कई फिल्मों की शूटिंग लखनऊ से लेकर बिहार में संपन्न हुई हैं।

मसलन अभिनव सिन्हा की ‘मुल्क’, ‘आर्टिकल 15’, ‘थप्पड़’, ‘बाटला हाउस’, ‘इंदू की जवानी’ लखनऊ में फिल्माई गर्इं। फिल्मों की शूटिंग उनकी कहानियों के मुताबिक की जाती है। निर्माता-निर्देशक विषय के मुताबिक लोकेशन तय करते हैं। केरल की पृष्ठभूमि पर बनने वाली किसी फिल्म की शूटिंग यूपी में करना संभव नहीं है। दूसरी बात यह है कि आजकल हिंदी फिल्मों के निर्माता दुनिया के कई देशों में जाकर शूटिंग कर रहे हैं। उन्हें यूपी या देश की किसी फिल्मसिटी में अपनी फिल्म की शूटिंग करने के लिए तैयार करना आसान नहीं है। वजह यह है कि दुनिया के कई देशों ने अपने यहां आने वाले निर्माताओं को सुविधाएं और रियायतें दे रखीं हैं।

यूपी में प्रस्तावित हजारों करोड़ की लागत से बनने वाली आधुनिक फिल्मसिटीका मुंबई फिल्मसिटी या बॉलीवुड पर कोई बुरा प्रभाव पड़ेगा, इसकी संभावना बहुत कम है। हां यह जरूर होगा कि इससे प्रदेश के फिल्मकारों और कलाकारों के लिए सुविधाएं और रोजगार के अवसर बढ़ जाएंगे। यूपी में हर साल फिल्म निर्माण पर 150 से 200 करोड़ का निवेश होता है। योगी सरकार ने 2017 से अब तक करीबन 38 फिल्मों को 21 करोड़ का अनुदान दिया है।

यूपी की आधुनिक फिल्मसिटी देश के मनोरंजन कारोबार में खुली प्रतिस्पर्धा का माहौल तैयार करेगी…।
-योगी आदित्यनाथ,मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश</strong>