अशोक बंसल
बॉलीवुड में ड्रीम गर्ल के नाम से मशहूर हेमा मालिनी को उनके संसदीय क्षेत्र मथुरा में एक राजनेत्री के मुकाबले एक अभिनेत्री के रूप में लोग याद करते हैं। पिछले दिनों हेमा मलिनी के फिल्मी जीवन के एकदम शुरुआती दौर का एक रोचक किस्सा प्रकाश में आया। इस किस्से को एक पत्रकार ने सांसद हेमा मालिनी से साझा किया तो वह तनिक मुस्कुरार्इं। यह किस्सा था मुंबई में हेमा ने जब अपने जीवन की पहली कार खरीदी थी। किस्से का मथुरा जुड़ाव सिर्फ इतना है कि इस कार के विक्रेता ठाकुर भीम सिंह मथुरा के गांव कारब के रहनेवाले थे। उनके भाई बलबीर को इतने साल पुरानी बात आज भी याद है।

वह बताते हैं कि जब हेमा मालिनी को पहली बार बतौर नायिका बॉलीवुड की हिंदी फिल्म ‘सपनों के सौदागर’ (1968 में प्रदर्शित) के लिए साइन किया गया तो इनकी मां जया लक्ष्मी चक्रवर्ती फूली न समार्इं। मुंबई के मांटूंगा इलाके में ठाकुर भीम सिंह नामक व्यक्ति विदेशी कार बेचते थे। भीम सिंह मथुरा के गांव कारब के थे और राया के ‘राष्ट्रीय इंटर कॉलेज’ से पढ़े थे। भीम सिंह अपनी जवानी के दिनों में फिल्मों में काम करने के लिए मुंबई गए थे। पर बाद में पुरानी विदेशी कारों का गैराज खोल लिया।

हेमामालिनी अपनी मां के साथ भीमसिंह के इसी गैराज में आई थीं। हेमा ने कई कारें देखीं, एक पसंद की। कीमत चुकाने की बारी आई तो 5 हजार रुपए कम पड़े। मां ने पैसा बाद में चुकाने का प्रस्ताव रखा, जिसे भीमसिंह ने खुशी-खुशी स्वीकार लिया। भीमसिंह आज नहीं हैं। पर यह संयोग है कि भीमसिंह का परिवार मुंबई में खुशहाल जीवन जी रहा है और हेमा मालिनी सांसद बन मथुरा को सजाने-संवारने में लगी हैं।