अपनी दमदार एक्टिंग के लिए चर्चित मनोज बाजपेयी आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। थियेटर से लेकर ओटीटी प्लेटफॉर्म्स तक उन्होंने अपना लोहा मनवाया है। हालांकि एक वक्त ऐसा भी था जब उनके सामने अंधेरा जैसा छा गया था। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय यानी एनएसडी में दाखिले के लिए उन्होंने एक नहीं बल्कि तीन-तीन बार प्रयास किया और तीनों बार असफल रहे। इससे वे थोड़ा निराश हो गए लेकिन हार नहीं मानी और बैरी जॉन के एक्टिंग स्कूल को ज्वाइन कर लिया।
मनोज बाजपेयी अपने आपको कुंदन की तरह तपाते रहे और एक वक्त ऐसा आया जब एनएसडी के तमाम प्रोफ़ेसर उन्हें नाम से जानने लगे। जिंदगी के इसी दौर में उनके जीवन में प्यार का एक झोंका आया। मनोज बैरी जॉन के साथ काम कर रहे थे। एक एक्टिंग वर्कशॉप के सिलसिले में उन्हें 3 महीने के लिए नैनीताल जाना पड़ा। जहां उनके साथ एक महिला भी गई थीं।
बेइंतहा प्यार करने लगे थे मनोज: हाल ही में पेंगुइन प्रकाशन से आई पीयूष पांडे की किताब, ‘मनोज बाजपेयी: कुछ पाने की जिद’ में इस घटना का विस्तार से जिक्र है। पीयूष लिखते हैं, ‘नैनीताल के ट्रिप पर मनोज के साथ परवीना (बदला हुआ नाम) भी गई थीं। दोनों थियेटर से लेकर देश दुनिया के मसलों पर खूब बातचीत किया करते थे। परवीना एक पढ़ी लिखी अंग्रेजीदां लड़की थीं, लेकिन वह बिहार से आए मनोज बाजपेयी से खूब घुल-मिल गई थीं और मनोज इस भ्रम में थे कि वह उनसे बेइंतहा प्यार करने लगे हैं।
वो कार में बैठी और चली गई: नैनीताल से लौटने के बाद भी दोनों काफी वक्त साथ बिताया करते थे। मनोज बाजपेयी ने तमाम ख्वाब संजो लिए थे। अपनी जिंदगी परवीना के साथ देखने लगे थे, लेकिन एक दिन ऐसा हादसा हुआ जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी। एक शाम मनोज और परवीना मंडी हाउस की तरफ पैदल चलते हुए जा रहे थे, तभी एक कार रुकी।
कार एक नौजवान लड़का चला रहा था। परवीना ने उसे देखा और दौड़कर कार में बैठ गईं। मनोज बाजपेयी जब तक कुछ समझ पाते दोनों वहां से चले गए। मनोज का सपना टूट गया था। चेहरा उतर आया था।
फूट-फूटकर रोए थे मनोज बाजपेयी: पीयूष पांडे अपनी किताब में मनोज बाजपेयी के मित्र संजय सुजिताभ के हवाले से लिखते हैं कि करीब एक हफ्ते बाद मनोज अप्पू घर के बस स्टॉप पर उनसे मिले और यह वाकया बताते हुए फूट-फूटकर रो पड़े। मनोज बाजपेयी को उस लड़की की हरकत से बेहद गहरी ठेस पहुंची थी।