बॉलीवुड एक्टर नसीरुद्दीन शाह अपनी दमदार एक्टिंग के लिए जाना जाता है। वह सामाजिक और देशहित के मुद्दों पर अपनी बात कहने से कभी नहीं कतराते। वह अक्सर सिनेमा पर पड़े राजनीतिक प्रभाव पर बेबाकी से अपनी राय व्यक्त करते हैं। अब हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में एक्टर ने देश के पीएम से लेकर देश के मुसलमानों से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में काफी कुछ कहा है। एनडीए में चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और नीतीश कुमार की जेडी(यू) के साथ सत्ता साझा करने से जुड़े सवाल पर उन्होंने जवाब दिए। नसीरुद्दीन शाह के इस इंटरव्यू की खूब चर्चा हो रही है।
नसीरुद्दीन शाह की दो टूक
द वायर से बातचीत में नसीरुद्दीन शाह से सवाल किया गया कि पिछले सप्ताह जब पता चला कि भाजपा को बहुमत नहीं मिला है, 10 साल में सबसे खराब प्रदर्शन रहा और गठबंधन की जरूरत पड़ेगी तो आपके दिमाग में क्या आया? इस पर एक्टर ने कहा कि ‘पहले तो मुझे खुशी हुई। फिर मैंने खुद से कहा कि हम सबके लिए हारनेवालों, जीतनेवालों, हिंदू, मुस्लिम और सरकार के बारे में खुद से विचार करने का वक्त है। नरेंद्र मोदी के लिए सत्ता साझा करना कड़वी दवा जैसे होगा। दिक्कत यह है कि वह मानते हैं कि वह जीवनभर पीएम बने रहेंगे और दूसरी समस्या यह भी है कि वह हर बात को पर्सनली ले लेते हैं। उनके ‘साइकोपैथ’ फैंस भी ऐसे ही हैं।’
एक्टर का नरेंद्र मोदी से सवाल
एक्टर ने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी से किसी ने सवाल नहीं किया कि अगर उन्हें देशसेवा करनी थी तो वह सेना में क्यों नहीं गए? वह बीते कई सालों से कम समझदारी वाली बातें कर रहे हैं। अगर प्रधानमंत्री मानते हैं कि उन्हें भगवान ने भेजा है या वह खुद भगवान हैं, तो इससे सभी को डर जाना चाहिए।’
पीएम को बताया खराब एक्टर
इसके अलावा जब एक्टर से सवाल किया गया कि क्या पीएम मोदी के लिए पुराने मोदी से नए मोदी में बदलना आसान होगा या मुश्किल? इस पर एक्टर ने कहा कि ‘वह उतने अच्छे एक्टर नहीं हैं। उनकी मुस्कान और मगरमच्छ के आंसू मुझे कभी भी लुभा नहीं पाए.. .वह नए मोदी बनने की एक्टिंग नहीं कर सकते।’
मुसलमानों को नसीरुद्दीन शाह ने की सलाह
वहीं एक्टर ने अपने इंटरव्यू में आगे कहा कि ‘मुसलमानों को हिजाब और सानिया मिर्जा की स्कर्ट की चिंता छोड़ पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान देने की जरूरत है। मुसलमानों को मदरसों के बजाय शिक्षा और नए-नए विचारों की चिंता करनी चाहिए। मोदी का विरोध करना बहुत आसान है। सच तो यह है कि मोदी के सत्ता में आने से पहले भी इस देश में बहुत कुछ गलत था। हमारे देश में हमेशा से ही धर्मों के बीच दुश्मनी की भावना रही है।’