दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में हुई हिंसा के लिए कुछ लोग भाजपा सरकार को जिम्मेदार बता रहे हैं और समाज में जहर घोलने, आपसी सौहार्द को बिगाड़ने का आरोप लगा रहे हैं। फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने तो सीधे पीएम नरेंद्र मोदी को हिंसा के लिए जिम्मेदार बताया है और चुप्पी पर सवाल भी उठाए हैं। दिल्ली में हुई हिंसा पर विनोद कापड़ी ने ट्विटर पर लिखा कि “इतनी छोटी सी बात आप सबके मगज में क्यों नहीं जाती है? हिंदू और मुसलमान प्यार से रहेंगे तो पूरे के पूरे भारत को फायदा होगा। हिंदू और मुसलमान लड़ते रहेंगे तो सिर्फ और सिर्फ बीजेपी को फायदा होगा।”

दिल्ली पुलिस द्वारा इलाके में गस्त के बयान पर विनोद कापड़ी ने कहा कि “आपको ये सब ड्रिल और तमाशे की जरूरत ही नहीं पड़ती अगर आपने पिछले 2-3 साल में देश की राजधानी में जहर घोलने वालों पर, नफरती भाषण देने वालों पर कार्रवाई की होती।”

वहीं, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्विटर पर लिखा कि “हिंदुओं द्वारा, हिंदू त्योहारों पर जुलूस को शांति से करने की अनुमति क्यों नहीं दी जा सकती है? जुलूस पर हिंसक प्रतिक्रियाएं दुखद हैं और वह भी भारत की राजधानी में। जो गलत है वह गलत है और बिना किसी अगर और लेकिन के। सभी को इसकी निंदा करनी चाहिए।” विनोद कापड़ी ने इसपर भी अपना जवाब दिया है।

विनोद कापड़ी ने ट्विटर पर लिखा कि “सवाल आपका ठीक है पर सवाल ये भी पूछना होगा कि क्या हिंदुओं की शोभायात्रा के लिए जरूरी है कि वो हथियारों का प्रदर्शन करें? भड़काऊ नारे लगाएं? चीख-चीख कर मां बहन की गालियां दें? मारने काटने की बात करें? मस्जिदों के अंदर घुस जाएं और भगवा लहराएं?”

लोगों की प्रतिक्रियाएं: दीपक नाम के यूजर ने लिखा कि ‘यही बात कश्मीर बंगाल में क्यों नहीं समझाते और कुछ अन्य जगह पर जहां से हिंदुओं को पलायन करना पड़ा।’ अशोक दहिया नाम के यूजर ने लिखा कि ‘इतनी छोटी सी बात आपके भी मगज में नहीं आ रही कि अगर हिंदू-मुसलमान एक साथ रह सकते तो पाकिस्तान कभी नहीं बनता। मुसलमान कभी भी किसी दूसरे धर्म के साथ नहीं रह सकता, नहीं रह सकता, नहीं रह सकता, नहीं रह सकता।’

राजेश सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘क्यों जब मुसलमान वोट के लिए ममता, अखिलेश, कमलनाथ, राहुल सब लड़ते हैं तो उनको फायदा नहीं होता। 90 प्रतिशत मुस्लिम वोट  अखिलेश को मिला ये क्या था। अवधेश त्यागी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘जैसे दंगे बीजेपी की सरकार से पहले कभी होते ही नहीं थे?।’