Urmila Matondkar: बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्मिला मातोंडकर के कांग्रेस में शामिल होने पर उनको लगातार ट्रोल किया जा रहा है। इसी को लेकर उर्मिला ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में काफी कुछ कहा। उर्मिला ने राजनीति में आने के सवाल पर कहा कि, ‘सभी को लगता है कि राजनीति में एक ‘ग्लैमर डॉल’ आ गई है। यह मेरे लिए अच्छा है। जितना कम वे मेरे बारे में सोचते हैं, उतना ही बेहतर है। मेरा ये मानना है कि काम शब्दों से अधिक जोर से बोलता है।’ गांधीजी ने भी कहा था कि, ‘आप में जो बदलाव देखना चाहते हैं, वह बन जाइए।’ अपने ऊपर हो रहे हमले पर उर्मिला ने कहा कि, ‘ये सब सिर्फ एक स्टार होने के नाते नहीं बल्कि एक महिला होने के नाते भी हो रहा है। हमें नीचे देखा जाता है।’
राजनीति और कांग्रेस में ही शामिल होने के सवाल पर मातोंडकर ने कहा कि, ‘पिछले पांच वर्षों में देखें तो ऐसे कई उदाहरण हैं जहां मुझे लगा कि एक नागरिक के तौर पर अपनी आवाज उठानी चाहिए थी, लेकिन नहीं कर सकी। मेरी इंडस्ट्री के लोग इतने कमजोर हैं। ऐसे कई उदाहरण आपको मिल जाएंगे जहां लोगों को देश-विरोधी कहा गया है। दूसरे देश में जाने के लिए कहा गया। उनकी देशभक्ति पर सवाल उठाए गए क्योंकि उन्होंने अपने बच्चों की भलाई का मुद्दा उठाया था। मुझे लगता है कि यह पूरी तरह से अस्वीकार्य और भयावह है।’
एक मुसलमान से शादी करने पर ट्रोल करने वालों को उर्मिला ने जवाब देते हुए कहा कि, ‘उनकी राजनीति नफरत और बदले की है।’ वहीं भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘कोई भी पांच साल के विकास के बारे में बात नहीं कर रहा है जो हुआ ही नहीं। ट्रोल करने वालों ने साबित किया कि वे किस स्तर तक जा सकते हैं। मैंने कभी अपना धर्म नहीं बदला, मुझसे कभी नहीं पूछा गया। मेरे पति उतने ही गर्वित मुसलमान हैं जितना कि मैं एक गौरवशाली हिंदू हूं। यही हमारे देश की सुंदरता है और हमारी शादी की भी। ट्रोल करने वाले इस्लाम को एक विशेष रंग में रंगने की कोशिश कर रहे हैं। वे मुझे एक अभद्र व्यक्ति की तरह दिखते हैं, हालांकि मैं अपनी सोच के बारे में स्पष्ट हूं।’
उर्मिला ने मॉब लिंचिंग पर सवाल उठाते हुए कहती हैं कि, ‘हम किस समय में रह रहे हैं कि सिर्फ एक व्यक्ति के गोमांस रखने की आशंका पर उसकी लिंचिंग हो जाती है। शहरों का विकास करने के बजाय, उनके नाम बदले जा रहे हैं। इस अराजक और धर्म-आधारित शासन और समाज के साथ कोई प्रगति नहीं होगी। मैं यहां सिर्फ सत्ता के लिए नहीं आई हूं। मैं एक ऐसी पार्टी के साथ खड़ी हूं, जिसकी विचारधारा मेरे सबसे ज्यादा करीब है। एक पार्टी धर्म, जाति और समुदायों के आधार पर लोगों को अलग करके असंतोष पैदा करने में विश्वास करती है। और हमारे पास तो एक ऐसे नेता (राहुल गांधी) हैं जो समर्पित और निहित हैं। अपनी काम की प्राथमिकताओं में उर्मिला ने स्लम पुनर्विकास, स्थानीय ट्रेनों में सुधार, रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों के विकास को बताया। इसके साथ ही महिलाओं की स्वास्थ्य सेवा पर भी काम करने की बात कही।

