निर्देशक: अभिषेक शर्मा
कलाकार: अक्षय कुमार, लिजा हेडन, अनुपम खेर, अनु कपूर, पीयूष मिश्रा
ये कहना कठिन है कि निर्देशक अभिषेक शर्मा ने, जिन्होंने तेरे बिन लादेन नाम की एक बहुत अच्छी कॉमेडी बनाई थी, उन्होंने द शौकीन्स बनाने के पहले और बनाने के दौरान क्या सोचा। वैसे प्रचारित किया गया है कि ये कई साल पहले आई बासु चटर्जी की फिल्म शौकीन की रिमेक है लेकिन इस प्रचार से अभिषेक शर्मा को फायदा तो नहीं होगा लेकिन बासु दा का नुकसान जरूर हो जाएगा क्योंकि जिन लोगों ने पहले वाली शौकीन नहीं देखी होंगी वे समझेंगे कि उन्होंने भी ऐसी ही बेमतलब की फिल्म बना दी होगी।
खैर पुरानी बातें छोड़िए, ताजा खबर तो ये है कि इस फिल्म में अक्षय कुमार तो नाम मात्र के हैं और बमुश्किल तीस-पैंतीस मिनटों तक स्क्रीन पर दिखते हैं और उन्होंने किरदार भी खुद का यानी अक्षय कुमार का निभाया है।
पूरी फिल्म लाली (अनुपम खेर), केडी (अनु कपूर) और पिंकी (पीयूष मिश्रा) के इर्दगिर्द घूमती हैं। ये तीनों साठ के ऊपर से हो चुके हैं लेकिन मन से रंगरसिया हैं और हमेशा लड़कियां पटाने की जुगत में रहते हैं। इस चक्कर कई बार पिटते पिटते भी बचे हैं। फिर दिल्ली में अपनी दाल गलती न देख म़ॉरिशस जाते हैं और वहां आहाना (लिजा हेडन) के घर पर ठहरते हैं। आहाना एक विचित्र सी डिजाइनर हैं और अक्षय कुमार की फैन हैं। तीनों आहाना को पटाने के लिए कैसे अक्षय कुमार के नजदीक जाने की कोशिश करते हैं इसी को लेकर पूरी फिल्म है।
अगर अभिषेक ने बासु दा की निश्छलता बनाए रखी होती तो शायद फिल्म कुछ मानीखेज हो जाती लेकिन द शौकीन्स पूरी तरह से, फिल्म के संवाद का ही इस्तेमाल किया जाए, तो तीन लोलुप बुड्ढों की कहानी होकर रह जाती है। आहाना का चरित्र भी हास्यास्पद सा है। फिल्म के शौकीनों को ये शौकीन पंसद नहीं आएंगे।