The Kashmir Files: द कश्मीर फाइल्स को लेकर देशभर में सियासत हो रही है। एक तरफ जहां फिल्म की तारीफ हो रही है तो दूसरी तरफ फिल्म की आलोचना भी हो रही है। जहां कुछ लोगों का मानना है कि फिल्म के बहाने कश्मीर से विवस्थापित कश्मीरियों के साथ हुए अन्याय को देखने और जानने का मौका मिला वहीं दूसरी तरफ लोगों का कहना है कि फिल्म का इस्तेमाल राजनीतिक तौर पर किया जा रहा है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि घाटी से 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के जबरन पलायन पर आधारित बॉलीवुड फिल्म “द कश्मीर फाइल्स” सच्चाई का एक निर्भीक निरूपण है। शाह ने साथ ही कहा कि ऐसी ऐतिहासिक गलतियों की पुनरावृत्ति न हो, इस दिशा में यह फिल्म समाज व देश को जागरूक करने का काम करेगी।

शाह की यह टिप्पणी तब आयी जब पीडीपी अध्यक्ष एवं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने दावा किया केंद्र जिस ‘‘आक्रामक’’ तरीके से ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म का प्रचार कर रहा है और कश्मीरी पंडितों के दर्द को ‘‘हथियार’’ बना रहा है, उससे उसकी ‘गलत मंशा’ स्पष्ट हो जाती है।

आपको बता दें कि पीडीपी अध्यक्ष एवं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर लिखा कि पुराने घावों को भरने और दोनों समुदायों के बीच अनुकूल माहौल बनाने के बजाय केंद्र ‘‘जानबूझकर उन्हें अलग कर रहा है। ’’ महबूबा ने ट्वीट किया, ‘‘जिस तरह भारत सरकार आक्रामक रूप से ‘द कश्मीर फाइल्स’ को बढ़ावा दे रही है और कश्मीरी पंडितों के दर्द को हथियार बना रही है, इससे उनकी मंशा स्पष्ट होती है। ’’

इसके बाद लोगों कि प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं। एक यूजर ने महबूबा मुफ्ती को कोट करते हुए लिखा कि इनके पिता थे जिनके नेतृत्व में कश्मीरी हिंदुओं का नरसंहार शुरू हुआ और 19 जनवरी को पलायन से समाप्त हुआ- 19 जनवरी को सबकुछ देखने और निर्देशित करने वाले गृह मंत्री थे। वहीं एक अन्य यूजर ने समर्थन में लिखा कि क्या ख़ूब कहा है, लेकिन यह फिल्म भाजपा के अनुकूल है। क्योंकि वे 2024 का चुनाव आसानी से जीत सकते हैं।

इसके अलावा एक अन्य यूजर ने लिखा, “अगर ऐसा है तो कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए एक आंदोलन शुरू करिए, जो उनका है वो उन्हें लौटा दीजिए। उनका परिवार और जो उनके बच्चे खो गए उन सबको वापस करिए!!! डर लगता है कि एक धर्म के बारे में सच्चाई आखिरकार सामने आ रही है और उजागर हो रही है ??

बता दें कि विवेक अग्निहोत्री, अनुपम खेर और पल्लवी जोशी सहित फिल्म के निर्माताओं और अभिनेताओं ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद शाह ने कहा कि फिल्म दुनिया के सामने समुदाय के “असहनीय दर्द और संघर्ष” को सामने लाती है।