फिल्म- तेहरान
निर्देशक – अरुण गोपालन
कलाकार – जॉन अब्राहम, नीरू बाजवा, मानुषी छिल्लर, हादी खजनपोर
समय – 118 मिनट
रेटिंग – 3/5
Tehran Movie Review & Rating: बॉलीवुड में देशभक्ति फिल्में तो बहुत हैं और कई ऐसी भी फिल्में रही हैं, जो दो मुल्कों के तनाव को भी दिखाती हैं। इसमें कई सच्चई घटनाओं से प्रेरित रहती हैं तो कई कहानियां काल्पनिक भी हैं। लेकिन, इंडस्ट्री डॉक्यूमेट्री ड्रामा फिल्में कम हैं। वहीं, जब बात आती है देशभक्ति फिल्म बनाने कि तो आपके दिमाग में कई स्टार्स के नाम आ जाते हैं। इसी में से एक जॉन अब्राहम हैं, जिन्होंने ‘सत्यमेव जयते’, ‘बाटला हाउस’ जैसी ढेरों फिल्मों में काम किया है, जो सच्ची घटनाओं से प्रेरित हैं। आखिरी बार उन्हें फिल्म ‘द डिप्लोमेट’ में देखा गया था। ये भी सच्ची घटना से ही प्रेरित थी लेकिन, सिनेमाघरों में खास रिस्पांस नहीं मिला लेकिन, ओटीटी पर पसंद किया गया। ऐसे में अब उनकी नई फिल्म ‘तेहरान’ ओटीटी पर आई है, जो सच्ची घटना से रूबरू तो कराती है साथ ही राजनीतिक आईना भी दिखाती है। चलिए आपको बताते हैं इस फिल्म के बारे में।
पॉलिटिकल थ्रिलर फिल्म है ‘तेहरान’
‘तेहरान’ की कहानी साल 2012 में इजरायली राजनयिकों पर हुए हमले की सच्ची घटनाओं पर आधारित है। यह वैश्विक राजनीति की उलझी हुई, धुंधली दुनिया को दिखाती है। इसमें कहानी उस समय की दिखाई गई है जब ईरान और इजरायल के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव और दशकों से चल रहे गुप्त हमलों और जवाबी कार्रवाई ने बंद दरवाजे के पीछे राजनीतिक रणनीतियों को कैसे आकार दिया गया था। फिल्म की शुरुआत में ही कहानी का केंद्र पता चल जाता है, जब दिल्ली में एक बम विस्फोट होता है और कई लोगों को घायल कर देता है। ये काफी दर्दनाक और डरावना होता है। फिर कहानी आगे बढ़ती है और डीसीपी राजीव कुमार को इस केस को सौंप दिया जाता है, ये रोल जॉन अब्राहम ने प्ले किया है। इसमें आप एक्शन, इमोशन, इंटेलिजेंस और राजनीति के साथ ही कूटनीति भी देखेंगे। ‘तेहरान’ कोई मसाला एंटरटेनर नहीं है। ये एक सधी हुई, गहरी और हकीकत से जुड़ी हुई पॉलिटिकल थ्रिलर फिल्म है।
जॉन अब्राहम के टैलेंट को निखारती है ‘तेहरान’
जॉन अब्राहम की यूएसपी एक्शन फिल्में रही हैं। ऐसे में वो इस फिल्म में भी अपना जलवा बिखेरने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। पुलिस अफसर के रोल में एक्टर को पहले भी देखा गया है। ऐसे में बार तो उनकी काबिलीयत को और भी निखारा गया है। ‘तेहरान’ एक्टर के टैलेंट के साथ इंसाफ करती है। ‘तेहरान’ के जरिए ना केवल एक्टर की यूएसपी का फायदा लिया गया बल्कि उन्हें स्क्रीन बहुत ही अच्छे ढंग से पेश भी किया गया है। एक इंटेलिजेंट अफसर, जिसे राजनीतिक समझ एक्सप्रेशन्स और बॉडी लैंग्वेज सब प्रशंसनीय है। वो पुलिस अफसर डीसीपी राजीव के रोल में जंच रहे हैं।
वहीं, फिल्म में जॉन की पत्नी की भूमिका में मधुरिमा तुली हैं। वो इस किरदार में पूरी तरह से ढली हुई हैं। ऐसे रोल उन्होंने पहले भी किए हैं। जैसे अक्षय कुमार की ‘बेबी’ में नजर आ चुकी हैं और इसमें भी वो एक अफसर की पत्नी की भूमिका में थीं। इसी के साथ फिल्म में सीनियर इंस्पेक्टर दिव्या राणा के किरदार में मानुषी छिल्लर भी इंप्रेस करती हैं, जो एक्शन भी करती दिखती हैं। उनका काम वाकई काबिल-ए-तारीफ है। इसके साथ ही नीरू बाजवा ने एक सीनियर डिप्लोमैट ‘शैलजा’ का किरदार निभाया है, जो हर समय राजनीतिक संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रही हैं। उनका किरदार शांत, लेकिन मजबूत है।
वहीं, हादी खजनपुर ने आतंकवादी अशरफ खान का किरदार प्ले किया है। उनका अभिनय एकदम सटीक है कि आपको उसका डर अंदर तक महसूस होता है। ना ज्यादा ड्रामा, ना बनावटी क्रूरता एकदम असली और खतरनाक अंदाज़ में वो दिखाई पड़ते हैं।
कैसा है डायरेक्शन और बैकग्राउंड म्यूजिक?
अब बात की जाए ‘तेहरान’ के डायरेक्शन और बैकग्राउंड म्यूजिक की तो इसका स्क्रीन प्ले थोड़ा स्लो जरूर है लेकिन फिल्म हर एक कड़ी को बारिकियों के दिखाया गया है। सच्ची घटनाओं से प्रेरित फिल्मों को दिखाने में सबसे बड़ा चैलेंज फेक्ट को स्क्रीन पर पेश करना होता है। डायरेक्टर अरुण गोपालन ने बारिकी से हर फेक्ट दिखाया है। लेखक रितेश शाह , आशीष वर्मा और बिंदनी करिआ ने इसे बहुत संतुलित और संवेदनशील तरीके से लिखा है। कहानी में राजनीति है, भावना है, और वो सच्चाई है जो ज़्यादातर फिल्मों में दिखाने से बचा जाता है। इसमें फेक्ट के साथ स्क्रीन पर उस कहानी को पेश किया गया है, जिसमें दो ताकतवर देशों के बीच में भारत फंस जाता है और फिर कैसे सोच समझकर डिप्लोमेट्स कदम उठाते हैं।
वहीं, फिल्म में बैकग्राउंड म्यूजिक की बात करें तो केतन सोधा का बैकग्राउंड म्यूजिक बेहद सधा हुआ है। इसमें ना ज्यादा लाउड, ना कम बिल्कुल सही मात्रा में म्यूजिक डाला गया है, जो आपको फिल्म की हर कड़ी से जोड़ने का काम करती है।
फाइनल वर्डिक्ट
‘तेहरान’ की एक और खास बात ये है कि इसमें छोटे से छोटा किरदार भी मायने रखता है। किसी को सिर्फ कहानी के स्पेस को भरने के लिए नहीं रखा गया है। हर एक कैरेक्टर का मकसद है, कहानी में उनका योगदान है और यही फिल्म को और गहराई देता है। अगर आप सच्ची कहानी देखना पसंद करते हैं और ‘कुली’ ‘वॉर 2’ जैसी एक्शन फिल्मों के बीच एक एक्शन फिल्म देखना चाहते हैं तो आपको इसे जरूर देखना चाहिए। डॉक फिल्म्स और बेक माय केक फिल्म्स द्वारा निर्मित ‘तेहरान’ आम थ्रिलर फिल्मों की भीड़ में अलग पहचान बनाती है। ये मसाला फिल्मों की तरह नहीं है। एक कसी हुई गंभीर कहानी है। इसे आप ओटीटी प्लेटफॉर्म ZEE5 पर देख सकते हैं। Coolie Advance Booking: ‘कुली’ का जबरदस्त क्रेज, ₹4500 में बिक रहे टिकट, फर्स्ट डे करेगी 100 करोड़ की कमाई?