राम मंदिर के लिए जमीन खरीद में कथित घोटाले पर पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने एक के बाद एक सिलसिलेवार ट्वीट किए और लिखा ‘प्रभु श्रीराम के नाम पर करोड़ों का घोटाला चिंताजनक है, राम समाज के निम्नतम स्तर पर खड़े व्यक्ति के पालनहार का नाम है। न्यास के एक ट्रस्टी DM अयोध्या व दो अन्य IAS हैं। ट्रस्ट के महासचिव से वित्तीय अधिकार सीज कर सभी वित्तीय अधिकार संयुक्त रूप से दो ज़िम्मेदार लोगों को मिले।’
सूर्य प्रताप सिंह ने कहा कि रामजन्मभूमि को मिला 1-1 रुपया रामभक्तों का है, राम के प्रति उनकी अटूट श्रद्धा का प्रतीक है। मेरा केंद्र सरकार को परामर्श है कि इस घोटाले की उच्चस्तरीय जाँच कर न्यास से सम्बंधित सभी वित्तीय अधिकार सिस्टम से जुड़े ज़िम्मेदार लोगों को मिले जिनकी रामभक्तों के प्रति पूरी जवाबदेही हो।’
पूर्व आईएएस अधिकारी ने तंज करते हुए एक और ट्वीट किया और लिखा ‘मुँह में राम, जेब में चंदा, चम्पत होगा अब ये बंदा।’ उन्होंने आगे लिखा ‘ट्रस्ट ने ट्रस्ट खोया, लाखों रामभक्तों का।’
राम मंदिर के 16 करोड़ खा गए?
ओह, आज तो रविवार है, आज मीडिया को कहाँ फ़ुरसत होगी।
बाक़ी सोशल मीडिया पर जो लिखेगा उसके ऊपर मुक़दमा कर ही दिया जाएगा।
जय श्री राम।
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) June 13, 2021
आपको बता दें कि सूर्य प्रताप सिंह केंद्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की नीतियों की अक्सर आलोचना करते नजर आते हैं। कोरोना की दूसरी लहर में उन्नाव में गंगा में तैरती लाशों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। इस मामले में उनके खिलाफ यूपी पुलिस ने एफआइआर भी दर्ज कर ली थी और पूछताछ के लिए बुलाया था।
क्या है पूरा मामला: राम मंदिर ट्रस्ट पर मंदिर के लिए जमीन खरीद में कथित घोटाले का आरोप लगा है। आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया और कहा कि जो जमीन सिर्फ दो करोड रुपए में बिकी थी उसी जमीन को 18.5 करोड़ में खरीदा गया।
उधर, राम मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने कहा है कि उन्हें इन आरोपों की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि हम पर तो महात्मा गांधी की हत्या का भी आरोप लगा था। हम ऐसी बातों की परवाह नहीं करते हैं।