लोक गायिका नेहा सिंह राठौर की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ने वाली हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उनकी वह याचिका खारिज कर दी है, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग की थी। यह एफआईआर उनके सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दर्ज की गई थी, जिनमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार चुनाव और हिंदू-मुस्लिम राजनीति पर टिप्पणी की थी।
‘बार एंड बेंच’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस विजय विश्नोई की बेंच ने साफ शब्दों में कहा कि वह इस मामले में दखल देने के पक्ष में नहीं है, लेकिन कोर्ट ने यह साफ किया कि नेहा सिंह राठौर मुकदमे (ट्रायल) के दौरान लगाए गए आरोपों पर आपत्ति दर्ज करा सकती हैं।
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क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यह मामला इस साल की शुरुआत में लखनऊ में दर्ज की गई एक एफआईआर से जुड़ा है, जो नेहा सिंह राठौर के सोशल मीडिया पोस्ट्स के बाद की गई थी। दरअसल, लोक गायिका ने ये पोस्ट्स पहलगाम आतंकी हमले के बाद किए थे। अपने पोस्ट में नेहा ने आरोप लगाया था कि पीएम मोदी बिहार इसलिए गए, ताकि पाकिस्तान को धमकाकर राष्ट्रवाद के नाम पर वोट हासिल कर सकें।
इसके अलावा उन्होंने यह भी लिखा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हिंदू-मुस्लिम और भारत-पाकिस्तान जैसे मुद्दों का इस्तेमाल कर मतदाताओं को बांटने की कोशिश कर रही है। सुप्रीम कोर्ट से पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नेहा की एफआईआर रद्द करने की मांग ठुकरा दी थी।
उस समय अदालत ने कहा था कि उनके पोस्ट में प्रधानमंत्री के नाम का अपमानजनक तरीके से इस्तेमाल किया गया था और धर्म को चुनाव से जोड़ा गया था। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि उनके पोस्ट्स का समय पहलगाम हमले के तुरंत बाद था, जो उस समय बहुत अहम था। इसके बाद नेहा सिंह राठौर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
कपिल सिब्बल ने दी दलील
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में नेहा सिंह राठौर की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि एफआईआर में देश के खिलाफ बगावत और युद्ध छेड़ने जैसी धाराएं लगाई गई हैं, जो उनके ट्वीट्स पर लागू नहीं होतीं। उन्होंने कोर्ट से कहा कि यह मामला कानूनी प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल है।
इसके बाद बेंच ने कहा कि हाई कोर्ट द्वारा केस खारिज न करने का मतलब यह नहीं है कि नेहा सिंह राठौर को दोषी ठहराया गया है। जस्टिस माहेश्वरी ने कहा, “यह सिर्फ एफआईआर रद्द करने की याचिका खारिज की गई है, इससे ज्यादा कुछ नहीं। अब आप ट्रायल का सामना कीजिए।” साथ ही कोर्ट ने साफ किया कि नेहा सिंह राठौर आरोप तय होने के समय ट्रायल कोर्ट में ऐसी आपत्तियां उठा सकती हैं।