भाजपा नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अभिनेता अक्षय कुमार, जैकलीन फर्नांडीज और नुसरत भरुचा सहित फिल्म राम सेतु की टीम को नोटिस भेज दिया है। राम सेतु मामले को लेकर गलत फैक्ट को लेकर सुब्रमण्यम स्वामी ने अक्षय कुमार को भी नोटिस भेज दिया है। इसके बाद स्वामी ने बॉलीवुड को सिन-ए-मा कह कर तंज कसा है। 

क्या बोले सुब्रमण्यम स्वामी?

सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर नोटिस भेजने की जानकारी दी। स्वामी ने ट्वीट किया, “मुंबई सिनेमा (या फिर सिन-ए-मा) वाले लोगों को झूठ बोलने और गलत जानकारी फैलाने की बुरी आदत है। इसलिए उन्हें बौद्धिक संपदा अधिकार सिखाने के लिए, मैंने एडवोकेट सत्य सभरवाल के माध्यम से बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार (भाटिया) और उनके 8 अन्य लोगों को राम सेतु गाथा को विकृत करने के लिए कानूनी नोटिस भेजने का फैसला किया है।”

नोटिस में क्या लिखा है?

ANI की एक रिपोर्ट के अनुसार, अधिवक्ता सत्य सबरवाल ने अपने कानूनी नोटिस में कहा, “मेरे मुवक्किल ने 2007 में, राम सेतु के संरक्षण और संरक्षण के लिए सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष सफलतापूर्वक तर्क दिया था और सरकार के सेतुसमुद्रम शिप चैनल प्रोजेक्ट का विरोध किया था। भारत जिसने राम सेतु [हिंदुओं द्वारा पवित्र माना जाता है] को तोड़ने का विचार किया था, 31 अगस्त, 2007 को, सर्वोच्च न्यायालय ने राम सेतु को ध्वस्त करने या क्षतिग्रस्त करने की किसी भी योजना को रोकने का आदेह दिया था। यह इस आधार पर था कि आस्था और पूजा एक संवैधानिक अनिवार्यता है।” इसके साथ ही स्वामी की तरफ से फिल्म में क्रेडिट देने और रिलीज से पहले फिल्म दिखाए जाने की भी मांग की है।

लोगों की प्रतिक्रियाएं

वीणा श्रीवास्तव नाम की यूजर ने लिखा कि धन्यवाद सर, उनका मकसद भारत के मूल्यों को विकृत करके ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना है। देविंदर शर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि महोदय, ये बॉलीवुड माफिया अपने वित्तीय लाभ के लिए हमारे GOD का उपयोग कर रहे हैं। बहुत सही फैसला लिया है आपने।

एक यूजर ने लिखा कि अभिनेताओं को कभी भी खुद को बुद्धिजीवी नहीं समझना चाहिए, सिर्फ इसलिए कि उनके पीछे कुछ लोग हैं, उन्हें किसी ऐसे विषय में प्रवेश नहीं करना चाहिए जो उनसे बहुत दूर हो और जनता को गुमराह करे। विपुल इनामदार ने लिखा कि कृपया ध्यान दें कि यह हिंदी फिल्म उद्योग है। मुंबई का नाम सिर्फ इसलिए खराब न करें क्योंकि वह मुंबई में स्थित है। क्योंकि मुंबई भी स्थानीय भाषा की फिल्में बनाती है जो हिंदी फिल्मों से कहीं बेहतर हैं।

बता दें कि फिल्म राम सेतु एक एक्शन-एडवेंचर ड्रामा है जो एक पुरातत्वविद् को फॉलो करता है, जो यह जांचता है कि रामसेतु एक मिथक है या वास्तविकता। इस फिल्म पर आपत्ति जताते हुए स्वामी की तरफ से मांग की गई है कि फिल्म के शुरुआती क्रेडिट में राम सेतु मामले में योगदान के लिए श्रेय दिया जाए। यह भी कहा गया है कि सुब्रमण्यम को फाइनल स्क्रिप्ट दी जानी चाहिए और रिलीज होने से पहले फिल्म देखने के लिए आमंत्रित भी किया जाना चाहिए।