भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में गिरफ्तार किए गए एक्टिविस्ट फादर स्टेन स्वामी (Father Stan Swamy) का निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि 84 साल के स्टेन स्वामी को दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। ऐसे में सोशल मीडिया पर हैशटैग के साथ एक्टिविस्ट #स्टेनस्वामी ट्रेंड कर रहा है। स्टेन स्वामी को कई लोग श्रद्धंजलि देते दिखे जिनमें वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने भी एक ट्वीट किया।
पुण्य प्रसून बाजपेयी ने अपनी पोस्ट में स्टेन स्वामी के निधन को हत्या बताया। पत्रकार के इस ट्वीट को देख कर ढेरों लोग उनकी बात पर रिएक्ट करने लगे। अपनी पोस्ट में पुण्य प्रसून बाजपेयी ने कहा- ‘जिसने मानवाधिकार और न्याय के लिए संघर्ष किया, उसी को मानवाधिकार व न्याय से वंचित रखा गया, तो ये हत्या हुई। फादर स्टेन स्वामी को विनम्र श्रद्धांजलि।’
नाथ शिव नाम के यूजर ने प्रसून बाजपेयी के पोस्ट पर कमेंट कर कहा- ‘स्टेन स्वामी एक धर्मांतरण माफिया और नक्सल आंदोलन के जमीनी कार्यकर्ता थे। वह चार्जशीटेड अपराधी थे। उनके साथ कोई सहानुभूति नहीं, उनकी मृत्यु से भरत को राहत।’
जिसने मानवाधिकार और न्याय के लिए संघर्ष किया..
उसी को मानवाधिकार व न्याय से वंचित रखा गया..
तो ये हत्या हुई….
फादर स्टैन स्वामी को विनम्र श्रद्धांजलि #StanSwamy— punya prasun bajpai (@ppbajpai) July 5, 2021
प्रशांत नाम के यूजर ने कहा- ‘एक भ्रष्ट और निरंकुश सरकार और न्यायपालिका एक महान सामाजिक कार्यकर्ता का क्या कर सकती है, जिसने अपना पूरा जीवन हाशिए पर पड़े लोगों की मदद करने में लगा दिया। दीर्घजीवी स्टेन स्वामी।’ अमित नाम के शख्स ने कहा- ’24 साल के फौजी या आम आदमी को ये नक्सली मार दें तो क्रांतिकारी, और किसी की नेचुरल डेथ हो तो वो हत्या? वाह! ‘
पीजे नाम के अकाउंट से एक कमेंट सामने आया, जिसमें सवाल पूछा गया- ‘ये हत्या कैसे हुई? जबकि इलाज तो डॉक्टर कर रहे थे बंधुवर! अपनी अपनी सुविधा के अनुसार व्याख्या है बंधु!’
हेमंत पाठक नाम के यूजर बोले- इतना दर्द, असहनीय है ना! काश आपके मुंह से दो शब्द पालघर में मारे गए निर्दोष साधुओं के लिए भी निकले होते, लेकिन शायद तब आप गहरी नींद में रहे होंगे।
गौरव नाम के शख्स ने कहा- ‘काहे का मानवाधिकार, काहे का न्याय? नक्सलियों को सपोर्ट करते थे वो!’ अर्चना नाम की महिला बोलीं- पालघरवालों का मानवाधिकार कुछ नहीं था क्या? परमार्थ नाम के शख्स ने कहा- ‘तो फिर इस देश में आतंकवाद-रोधी कानून क्या मजाक है?’ दिवान नाम के यूजर ने कहा- ऐसी सरकार को शर्म आनी चाहिए। संघी एजेंडा को लागू करने के लिए हजारों लोगों की हत्या की है।